जालंधर ब्रीज: डा बी आर अम्बेडकर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जालन्धर ने अपना 18वां वार्षिक दीक्षान्त समारोह आयोजित किया। बनवारी लाल पुरोहित ,पंजाब के राज्यपाल और प्रशासक, केन्द्र शासित प्रदेश, चंडीगढ़ दीक्षान्त समारोह के मुख्य अतिथि और सोनम वांगचुक, संस्थापक व निदेशक, लद्दाख छात्र शैक्षिक और सांस्कृतिक आंदोलन सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
इस दीक्षान्त समारोह के दौरान प्रोफेसर बिनोद कुमार कनौजिया, अध्यक्ष, अभिशासक परिषद् व निदेशक, एनआईटी जालन्धर डा अजय बंसल, कुलसचिव, एनआईटी जालन्धर; अभिशासक परिषद् के सदस्य अभिषद् के सदस्य एनआईटी जालन्धर के संकाय और कर्मचारी सदस्य उपस्थित थे।
इस दीक्षान्त समारोह में 1281 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई। इस में पीजी डिप्लोमा-02, बीटेक-765, एमटेक 326, एमएससी-88, एमबीए-31 और पीएचडी 69 की डिग्रियां शामिल थीं।
इस अवसर के मुख्य अतिथि माननीय बनवारी लाल पुरोहित जी (पंजाब के माननीय राज्यपाल और प्रशासक, यूटी, चंडीगढ़) ने शुरुआत में युवा स्नातक छात्रों को उनकी उपाधि हासिल करने के लिए, माता-पिता को उनके त्याग और समर्थन तथा शिक्षकों को उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता और उन्हें ढालने के जुनून के लिए बधाई दी। दीक्षान्त समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ज्ञान अर्थव्यवस्था में शिक्षा समृद्धि और समावेशी विकास का एकमात्र साधन है, जैसा कि राष्ट्रीय शैक्षिक नीति एनईपी द्वारा जोर दिया गया है। उन्होंने संस्थान की नई डिजिटल लाइब्रेरी का भी उद्घाटन किया, जिसे ‘ज्ञान केन्द्र’ नाम दिया गया।
इस अवसर पर अध्यक्ष, अभिशासक परिषद् व निदेशक, प्रोफेसर विनोद कुमार कनौजिया ने उपाधि प्राप्तकर्ताओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए बधाई दी और उन्हें सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिए दिन-रात काम करने के लिए प्रेरित किया। प्रो. कनौजिया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि संस्थान ने देश के शीर्ष 50 अभियान्त्रिकी संस्थानों के समूह में प्रवेश किया है और प्रतिष्ठित एनआईआरएफ, भारत सरकार रैंकिंग में 46वें स्थान पर समग्र शीर्ष 100 संस्थानों/विश्वविद्यालयों में 72वें और सभी एनआईटी में 10वें स्थान पर है।
इस अवसर पर कई छात्रों के साथ उनके माता-पिता और अभिभावक भी मौजूद थे जिन्होंने एनआईटी जालन्धर में इस दीक्षान्त समारोह पर बेहद खुशी व्यक्त की। इस कार्यक्रम को कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीम भी किया गया।
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