
जालंधर ब्रीज: जालंधर जिले में पराली जलाने के मामलों पर नकेल कसने के लिए जिला प्रशासन द्वारा 189 नोडल अधिकारी और 54 क्लस्टर को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किए गए है।
जिला पर्यावरण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) वरिंदरपाल सिंह बाजवा ने कहा कि जिला प्रशासन ने पराली जलाने से रोकने के लिए इन नोडल अधिकारियों की टीमें गठित की हैं।

उन्होंने कहा कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (पीआरएससी) द्वारा विकसित मोबाइल ऐप एटीआर (एक्शन टेकन रिपोर्ट) पराली जलाने के मामलों का व्यक्तिगत रूप से अवलोकन कर दैनिक रिपोर्ट अपलोड करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पहले ही संवेदनशील स्थानों की पहचान कर ली है और इस संबंध में एक रिपोर्ट संबंधित विभागों को भेज दी गई है।
उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारियों को मुख्य रूप से शाहकोट, फिल्लौर और नकोदर के गांवों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि संबंधित डिवीज़न के एसडीएम तैनात नोडल अधिकारियों एवं क्लस्टर को-ऑर्डिनेटर की स्वयं निगरानी करेंगे।
अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने कृषि विभाग और पीपीसीबी अधिकारियों को ईंट भट्ठों में 20 प्रतिशत पराली के उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए टीमें बनाने को कहा। इसके इलावा उन्होंने नगर निगमों और नगर निगमों के अधिकारियों से सिंचाई और छिड़काव के लिए उपचारित पानी का उपयोग करने को कहा और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रम के तहत घर-घर से कचरा संग्रहण और पृथक्करण की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी ली।
इस अवसर पर नगर निगम के संयुक्त कमिश्नर पुनीत शर्मा, मुख्य कृषि अधिकारी डा. जसवन्त राय, पीपीसीबी के कार्यकारी इंजी. संदीप कुमार व अन्य मौजूद थे।
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