जालंधर ब्रीज: पंजाब के सरकारी मुलाजिमों को वोटिंग करने में हो रही परेशानियों पर आम आदमी पार्टी(आप) ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं। शनिवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में ‘आप’ के वरिष्ठ नेता और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि चुनाव के कार्यों में लगे सरकारी कर्मचारियों की वोटिंग का 9 मार्च आखरी दिन है, लेकिन चुनाव आयोग द्वारा अभी तक वोटिंग के लिए पर्याप्त संख्या में बैलट पेपर उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
हरपाल चीमा ने कहा कि चुनाव आयोग का यह रवैया बेहद निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा लग रहा है जैसे चुनाव आयोग केंद्र और राज्य की सत्ताधारी पार्टियों के इशारे पर काम कर रही है। सत्ताधारी पार्टी को डर है कि सरकारी कर्मचारी उनके खिलाफ वोट करेंगे क्योंकि पिछले कई सालों से सभी विभागों के हजारों मुलाजिम अपनी मांगों को लेकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ विरोध व धरना प्रदर्शन करते रहे हैं।
आप विधायक अमन अरोड़ा ने वीडियो जारी कर कहा कि सरकारी कर्मचारियों ने दिन-रात काम कर पंजाब के सवा दो करोड़ मतदाताओं की वोटिंग में सहयोग किया, लेकिन उनके मतदान के समय बैलट पेपर उपलब्ध नहीं होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। अपने पसंद की सरकार चुनना सभी का अधिकार है और इस अधिकार को सुनिश्चित करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है।
आप नेता ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है और देश के संविधान ने इसकी जिम्मेदारी चुनाव आयोग को सौंपी है। चुनाव आयोग का यह दायित्व है कि वह सभी व्यक्ति व सभी सरकारी कर्मचारियों के वोट करने का अधिकार सुनिश्चित करे। चुनाव आयोग से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि सभी जगह पर्याप्त संख्या में बैलट पेपर उपलब्ध कराकर वोट डालने के इच्छुक सभी सरकारी कर्मचारियों की वोटिंग सुनिश्चित करें और चुनाव आयोग की निष्पक्षता एवं स्वतंत्रता कायम रखें।
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