जालंधर ब्रीज: पिछले दिनों जहरीली शराब पीने से मरे तरनतारन के सुखदेव सिंह व गम में उसकी पत्नी की मौत के बाद अनाथ हो गए थे चार बच्चे कहते हैं कि अच्छाई कभी समाप्त नहीं होती, वह हमेशा बनी रहती है। कुछ ऐसी ही मिसाल मूल रूप से पंजाब निवासी एवं मुंबई की फिल्मी दुनिया में स्थापित अदाकार सोनू सूद और उनके परम मित्र करण गिलहोत्रा ने पेश की है। उनकी पहल कदमी पर जहां पिछले दिनों पंजाब में जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वाले एक गरीब रिक्शा चालक और उसके गम में स्वर्गवासी उसकी पत्नी के बाद अनाथ हुए चार बच्चों को जहां अनाथालय में रहने को हरी झंडी मिली थी, वहीं दोनों मित्रों ने उनकी शिक्षा दीक्षा का खर्च उठाने का ऐलान भी किया था।
बता दें कि दोनों दोस्तों की जोड़ी ने हाल ही में शराब के कारण पंजाब में हुई मौतों में जान गंवाने वाले तरनतारन के एक रिक्शा चालक सुखदेव सिंह के अनाथ हुए बच्चों के सुरक्षित भविष्य का प्रबंध करते हुए अबोहर स्थित मातृ छाया अनाथ आश्रम में चारों बच्चों करणबीर (13), गुरप्रीत (11), अर्शप्रीत (9) व संदीप (5) के रहने, खाने, पीने व शिक्षा दीक्षा का प्रबंध किया था। हालांकि उसके बाद पंजाब सरकार ने भी प्रभावित बच्चों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान कर दिया।
इसके चलते उक्त बच्चों के चाचा व उनके परिवार उनके पालन पोषण के लिए आगे आया है। इस पर खुशी जताते हुए सोनू सूद ने कहा कि अपने परिवार के बीच में ही पालन पोषण होना बच्चों के सुखद भविष्य की गारंटी है। फिर भी उन्होंने उन बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए हमेशा उनका ख्याल रखने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि वह बच्चों की शिक्षा दीक्षा पूरी होने तक उनकी हर जरूरत पर ध्यान देंगे और कहीं से भी मदद न मिली, तो वह अपनी तरफ से उनकी जरूरत को पूरा करेंगे।
सोनू सूद के इस ऐलान पर खुशी का इजहार करते हुए उनके दोस्त एवं मूल रूप से फाजिल्का निवासी एवं पीएचडी चेम्बर्स आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज पंजाब चेप्टर के चेयरमैन करण गिलहोत्रा ने कहा कि बच्चों को अनाथालय में दाखिला दिलाने और उनकी शिक्षा दीक्षा का खर्च उठाने का मकसद केवल यही था कि बच्चों का भविष्य संवरे, अब भले ही उनके चाचा ने बच्चों की देखरेख की जिम्मेवारी ली है लेकिन अब वह और सोनू सूद अपनी जिम्मेवारी समाप्त होने के बावजूद बच्चों की परवरिश का ख्याल जरूर रखेंगे ताकि उनके आगे बढऩे में कोई परेशानी न हो।
वहीं बाल सुरक्षा विभाग के तरनतान से अधिकारी राजेश कुमार व फाजिल्का के प्रभारी कौशल परूथी ने बताया कि सोनू सूद और उनके मित्र श्री गिलहोत्रा का संकल्प अन्य समाजसेवियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनेगा। उन्होंने बताया कि उक्त चारों बच्चों को उनके चाचा के परिवार को सौंप दिया गया है। परिवार ने भी सोनू सूद का आभार प्रकट किया है और भविष्य में जरूरत पडऩे पर उनसे मदद की बात कही है।
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