April 24, 2025

Jalandhar Breeze

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“आप” सरकार द्वारा फ़सली अवशेष जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए 500 करोड़ रुपए की मेगा एक्शन योजना का ऐलान

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जालंधर ब्रीज: राज्य में पराली जलाने की समस्या को पूरी तरह से रोकने के लिए पंजाब सरकार ने किसानों को सब्सिडी पर फसली अवशेष प्रबंधन (सी.आर.एम.) मशीनें उपलब्ध कराने और पराली के उचित प्रबंधन के लिए अन्य रणनीतियाँ लागू करने हेतु 500 करोड़ रुपए की एक्शन योजना तैयार की है।

आज यहाँ इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री स गुरमीत सिंह खुड़ियां ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने फसली अवशेष प्रबंधन (सी.आर.एम.) मशीनों की खरीद पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए राज्य के किसानों से ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। उन्होंने बताया कि ये आवेदन 22 अप्रैल से 12 मई, 2025 तक ऑनलाइन पोर्टल agrimachinerypb.com पर जमा कराए जा सकते हैं।

किसानों को इस योजना का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित करते हुए स गुरमीत सिंह खुड़ियां ने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा सी.आर.एम. मशीनों की खरीद पर व्यक्तिगत किसानों को 50% सब्सिडी और किसान समूहों, सहकारी सभाओं तथा ग्राम पंचायतों को 80% सब्सिडी दी जा रही है।

उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य किसानों को सी.आर.एम. मशीनों तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के साथ-साथ उन्हें पराली प्रबंधन मशीनरी के उपयोग के लिए अधिकाधिक प्रोत्साहित करते हुए सभी के लिए स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण को सुनिश्चित करना है।

कृषि मंत्री ने कहा कि यह सब्सिडी सी.आर.एम. मशीनों पर उपलब्ध होगी, जिनमें सुपर एस.एम.एस., हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, सरफेस सीडर, स्मार्ट सीडर, ज़ीरो टिल ड्रिल, बेलर, रेक, श्रब मास्टर/रोटरी स्लैशर, पैडी स्ट्रॉ चॉपर/श्रेडर/मल्चर, क्रॉप रीपर, हाइड्रोलिक रिवर्सिबल मोल्ड बोर्ड प्लाऊ शामिल हैं।

कृषि विभाग के प्रबंधकीय सचिव डॉ. बसंत गर्ग ने बताया कि पंजाब ने फसली अवशेष प्रबंधन में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा कि पिछले साल राज्य सरकार द्वारा व्यक्तिगत किसानों, सहकारी सभाओं और पंचायतों को सब्सिडी पर 17,600 सी.आर.एम. मशीनें उपलब्ध कराने के अलावा किसानों की सुविधा के लिए 1,331 कस्टम हायरिंग सेंटर (सी.एच.सी.) भी स्थापित किए गए थे। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछले सीज़न के दौरान पराली जलाने के मामलों में वर्ष 2023 की तुलना में 70% की कमी दर्ज की गई, जो वर्ष 2023 में रिपोर्ट हुए 36,663 मामलों से घटकर पिछले साल केवल 10,909 रह गए।


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