जालंधर ब्रीज: एपीजे स्कूल महावीर मार्ग में एनुअल एथलेटिक मीट (2022-23) का आयोजन हुआ | जिसमें नर्सरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया |इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कर्नल दिनेश निझावन थे। खेल दिवस का शुभारंभ मुख्य अतिथि तथा प्रिंसिपल गिरीश कुमार द्वारा किया गया। नर्सरी,एलकेजी और यूकेजी के विद्यार्थियों के लिए हर्डल रेस, टाई नॉट रेस,डाइस रेस, ब्लॉक रेस का आयोजन किया गया ।
एथलेटिक मीट में भाग लेने वाले प्रतियोगियों की संख्या को देखते हुए इस कार्यक्रम को दो दिनों में विभाजित किया गया था। पहले दिन कक्षा तीसरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया तथा दूसरे दिन नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी, पहली और दूसरी के विद्यार्थियों ने भाग लिया। कक्षा तीसरी ,चौथी और पांचवी के विद्यार्थियों में 60 मीटर दौड़ करवाई गई | कक्षा तीसरी और चौथी के विद्यार्थियों के लिए शू रेस का आयोजन किया गया |
कक्षा तीसरी के ही विद्यार्थियों के लिए लेमन स्पून रेस, चौथी के विद्यार्थियों के लिए थ्री लेग रेस, पांचवी के विद्यार्थियों के लिए सैक रेस का आयोजन किया गया | छठी कक्षा से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए अंतर सदन खेलों का आयोजन करवाया गया, जिसमें 100 ,200,400 मीटर की रेस, शॉट पुट, 400 मीटर रिले रेस थी। कक्षा पहली के विद्यार्थियों के लिए 60 मीटर दौड़, शटल रन और फादर चाइल्ड रेस का आयोजन किया गया तथा कक्षा दूसरी के विद्यार्थियों के लिए 60 मीटर दौड़, लेमन स्पून रेस, शटल रन और मदर चाइल्ड रेस का आयोजन किया गया। नन्हे-मुन्ने विद्यार्थियों का उत्साह और जोश देखते ही बनता था।
फादर चाइल्ड रेस तथा मदर चाइल्ड रेस में विद्यार्थियों ने अपने अभिभावकों के साथ हिस्सा लिया। नन्हे-मुन्नौ ने जब एथलेटिक मीट में भाग लिया तो वह सभी के मन आकर्षित कर रहे थे। उनका खेलों के प्रति आकर्षण देखकर देश के उज्जवल भविष्य के दर्शन हो रहे थे क्योंकि शारीरिक रूप से स्वस्थ विद्यार्थी ही देश का भविष्य है।
कक्षा तीसरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों में भी भरपूर जोश था। दर्शकों का भी जोश देखने लायक था, वह तालियों से प्रतियोगियों का उत्साह बढ़ा रहे थे | कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को पुरस्कार तथा मेडल प्रदान किए गए। प्रिंसिपल गिरीश कुमार ने मुख्य अतिथि तथा अभिभावकों का धन्यवाद किया । उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन में खेलों का महत्व बताया और विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया कि वह खेलों को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं, जिससे उनका शरीर स्वस्थ रहे और मस्तिष्क का विकास हो सके |
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