जालंधर ब्रीज: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पंजाब के स्कूलों तथा अस्पतालों में दिल्ली मॉडल लागू करने के किए जा रहे बड़े-बड़े दावों की पोल खोलते हुए प्रदेश भाजपा महासचिव राजेश बागा ने कहा कि पंजाब के स्कूलों में दिल्ली मॉडल लागू किए जाने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब के स्कूलों में जब शिक्षक ही नहीं होगें तो वहां दिल्ली मॉडल क्या करेगा?
राजेश बागा ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल तथा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब की पहली कैबिनेट मीटिंग में पंजाब की जनता को हर घर 300 यूनिट फ्री बिजली देने, 18 वर्ष से ऊपर की हर महिला को 1000 रुपए प्रति महिना देने के साथ-साथ कई और घोषणाएं की थीं, लेकिन अब तो सरकार बने हुए डेढ़ महीना होने को है और कैबिनेट की बैठकें भी हो चुकी हैं। लेकिन पंजाब की जनता को ना तो फ्री बिजली मिली और ना ही किसी औरत को 1000 रुपए महीना मिला। भगवंत मान सरकार द्वारा जनता को फ्री के लोलीपोप देकर मुर्ख बना कर पंजाब की सत्ता तो हासिल कर ली गई है, लेकिन अब जब घोषनाएं पूरा करने का वक्त आया है तो जनता को फिर से नई घोषणाएं कर मुर्ख बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
राजेश बागा ने कहा कि पंजाब के सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर भगवंत मान सरकार के विरुद्ध धरने-प्रदर्शनों पर उतारू हो रहे हैं, क्यूंकि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन सबको भी वादों के लोलीपोप थमा कर वोट हासिल किए। सिंहासन पर पहुँचते ही मुख्यमंत्री भगवंत मान की नज़र और सोच दोनों बदल गईं और अब यह सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पंजाब सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन करने की रणनीति बना रहे हैं। बागा ने कहा कि अब भगवंत मान फिर से दिल्ली मॉडल को पंजाब में लागू करने का राग अलापने लगे हैं। बागा ने भगवंत मान से सवाल किया कि अगर स्कूलों की इमारतें, फर्नीचर आदि बढ़िया होगा और वहां पर पढ़ाने वाले अध्यापक ही नहीं होंगें तो इन सब का क्या करना है? इसलिए मुख्यमंत्री भगवंत मान को पहले अध्यापक भर्ती करने चाहिए ना कि दिल्ली मॉडल ल;अगू करने का राग अलापना चाहिए!
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