April 24, 2025

Jalandhar Breeze

Hindi Newspaper

पीएसपीसीएल विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में कई मील पत्थर स्थापित किएः हरभजन सिंह ईटीओ

Share news

जालंधर ब्रीज: पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने आज कहा कि पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) उपभोक्ताओं के लिए सेवाओं में वृद्धि करने, राजस्व बढ़ाने और व्यापक संचालन सुधारों को लागू करने की दिशा में बेमिसाल विकास कर रही है।

यहां जारी एक बयान में बिजली मंत्री ने कहा कि पीएसपीसीएल के व्यावसायिक विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष में 31 दिसम्बर, 2024 तक कई महत्वपूर्ण मील पत्थर हासिल किए हैं, जिसमें उपभोक्ताओं के अनुभवों को और बेहतर बनाने और संचालन प्रक्रियाओं को और सुचारू बनाने के लिए तैयार की गई रणनीतिक पहलों को लागू किया गया है।

वन टाइम सेटेलमेंट (ओटीएस) स्कीम के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि पीएसपीसीएल ने यह पहल 23 सितम्बर, 2024 को शुरू की थी, जो कृषि पंप सेट और सरकारी कनेक्शनों को छोड़कर सभी डिफॉल्ट उपभोक्ताओं पर लागू होती है। यह स्कीम 30 सितम्बर, 2023 तक के बकाए के निपटारे के लिए तैयार की गई थी, जिसमें देर से भुगतान करने वालों के लिए ब्याज की राशि को घटाया गया और सरचार्ज में छूट के द्वारा भी काफी राहत दी गई थी। यह कार्यक्रम 22 दिसम्बर, 2024 तक कार्यशील रहा।

कैबिनेट मंत्री ने वलंटरी डिस्क्लोजर स्कीम (वीडीएस)के कार्यान्वयन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि कृषि उपभोक्ताओं के लिए वीडीएस स्कीम के माध्यम से किसानों को कृषि ट्यूबवेल कनेक्शनों (7 मार्च, 2024 तक) पर अतिरिक्त मोटिव लोड को बहुत ही रियायती दरों पर नियमित करने योग्य बनाया गया, जिससे सर्विस कनेक्शन चार्ज 4750 रुपये प्रति बीएचपी की बजाय घटाकर 2500 रुपये प्रति बीएचपी और सिक्योरिटी कंजपशन के लिए 400 रुपये प्रति बीएचपी की बजाय घटाकर 200 रुपये प्रति बीएचपी कर दिया गया। 22 अगस्त, 2024 तक उपलब्ध इस योजना को भरपूर प्रोत्साहन मिला, जिसके तहत 84,118 कृषि उपभोक्ताओं ने मोटर लोड को 3,68,802 बीएचपी तक बढ़ाया और जिसके परिणामस्वरूप किसानों को कुल 82.98 करोड़ रुपये की बचत हुई।

घरेलू सप्लाई (डीएस) और गैर-रिहायशी सप्लाई (एनआरएस) उपभोक्ताओं के लिए वीडीएस के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इस पहल ने 7 मार्च, 2024 तक 50 किलो वाट तक के डीएस कनेक्शनों और 20 किलो वाट तक के एनआरएस कनेक्शनों के लिए अतिरिक्त लोड को नियमित करने की सुविधा दी। इस स्कीम के साथ अतिरिक्त लोड के लिए सर्विस कनेक्शन चार्ज पर 50 प्रतिशत की कटौती की पेशकश की गई और यह 22 अगस्त, 2024 तक उपलब्ध रही। कई महत्वपूर्ण प्राप्तियों में इस स्कीम के तहत 3,15,164 डीएस उपभोक्ता और 15,496 एनआरएस उपभोक्ता इस स्कीम का लाभ ले रहे हैं, जिससे 756,119 किलो वाट (डीएस) और 47,676 किलो वाट (एनआरएस) लोड तक की वृद्धि संभव हो पायी और सर्विस कनेक्शन चार्ज और सिक्योरिटी कंजपशन के रूप में क्रमशः 85.73 करोड़ रुपये और 7.31 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया गया।

मंत्री ने आगे कहा कि इस समय के दौरान व्यापार करने को सुगम बनाने और सेवाओं में सुधार लाने के लिए कई उपभोक्ता-अनुकूल और उद्योग-अनुकूल पहलों को लागू किया गया था। औद्योगिक सुधारों के तहत कई महत्वपूर्ण प्राप्तियों में तेजी से मांग बढ़ना शामिल है, जहां सेंसंड डिमांड के 10 प्रतिशत या 500 किलो-वाल्ट-एम्पियर (जो भी कम हो) तक अतिरिक्त कॉन्ट्रैक्ट डिमांड के लिए अब 15 दिनों के भीतर प्रक्रिया की जाती है और उपभोक्ता हर तीन वर्षों में एक बार इस लाभ के लिए पात्र होते हैं।

इसके अलावा, 500 केवीए और 2000 केवीए के बीच मांग वाली के लिए व्यवहार्यता स्वीकृति की आवश्यकता समाप्त कर दी गई है, जिससे कनेक्शन प्रोसेसिंग समय काफी घट गया है। 150 किलो वाट/किलो-वाल्ट-एम्पियर तक के लोड के लिए लागत घटा दी गई है। अब लाइन की लंबाई को नजरअंदाज करते हुए चार्जिस की गणना प्रति किलो वाट / किलो-वाल्ट-एम्पियर के आधार पर की जाती है, जिससे इन मामलों के लिए अलग-अलग मांग नोटिसों की आवश्यकता समाप्त हो गई है। मांग नोटिस जारी करने और व्यवहार्यता स्वीकृति के लिए समय-सीमाओं को भी घटा दिया गया है। इसके अलावा, 11 किलो वाट पर वोल्टेज स्तर की क्षमता को 4 मेगा-वोल्ट-एम्पियर (एमवीए) से 5 मेगा-वोल्ट-एम्पियर तक बढ़ा दिया गया है, जिससे बुनियादी ढांचे की क्षमताओं में वृद्धि हुई है।

बिजली मंत्री ने विशेष सुधारों के जरिए सीजनल उद्योगों और सौर उपभोक्ताओं को दी गई महत्वपूर्ण सहायता पर भी प्रकाश डाला। कमर्शियल सर्कुलर नंबर 07/2023 के अनुसार, सीजनल उद्योगों के लिए निपटारे का समय – जिसमें कपास गिनिंग सुविधाएं, चावल मिलें, चावल ब्रान स्टेबलाइजेशन यूनिट और किंनू ग्रेडिंग व वैक्सिंग केंद्र शामिल हैं – को 1 अक्टूबर से 30 सितम्बर की बजाय 1 अप्रैल से 31 मार्च की नई अवधि तक संशोधित किया गया है, जिससे संचालन संबंधी आवश्यकताओं के साथ बेहतर तालमेल स्थापित किया जा सकेगा। इसी तरह छत वाले सौर प्लांट स्थापनों को सुचारु बनाने के लिए कई उपाय लागू किए गए थे। 10 किलो वाट पीक (केडब्ल्यूपी) तक के सिस्टमों को अब किसी तकनीकी व्यावहारिकता क्लीयरेंस की आवश्यकता नहीं है, जबकि 10 किलो वाट पीक से अधिक प्लांटों के लिए व्यावहारिकता क्लीयरेंस के लिए समय-सीमा घटाकर 15 दिन कर दी गई है।

बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने आधार-आधारित ई-केवाईसी प्रणाली के चरण-1 के कार्यान्वयन के साथ डिजिटल परिवर्तन पहल में बड़ी उपलब्धि को भी उजागर किया। नए बिजली कनेक्शनों के लिए आवेदन प्रक्रिया को सुगम बनाने के उद्देश्य से की गई इस पहल को 100 किलो वाट/किलो-वाल्ट-एम्पियर तक के सभी घरेलू सप्लाई और गैर-आवासीय सप्लाई कनेक्शनों के लिए पीएसपीसीएल के सिंगल विंडो सिस्टम के साथ जोड़ा गया है। इस पहल के तहत आधार सत्यापन का चुनाव करने वाले आवेदकों को अब अपना पहचान संबंधित (आईडी प्रूफ) सबूत या स्वयं हस्ताक्षरित समझौता और स्वीकृति फॉर्म जमा कराने की आवश्यकता नहीं है। यह पूरी प्रक्रिया अब सुरक्षित आधार-आधारित ई-केवाईसी द्वारा प्रमाणित की जाती है, जो कागज रहित सुचारू प्रक्रिया को समर्थ बनाती है और एक अधिक उपभोक्ता-प्रधान और डिजिटल रूप से सशक्त क्षेत्र की ओर एक महत्वपूर्ण विकास को दर्शाती है।

बिजली मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान की दूरदर्शी अगुवाई में प्रदेश के नागरिक बिजली क्षेत्र में बेमिसाल बदलाव का अनुभव कर रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में पीएसपीसीएल के व्यावसायिक विभाग की हालिया प्राप्तियां उपभोक्ताओं के लिए सेवाओं को बढ़ाने, वित्तीय अपेक्षाओं को बढ़ाने और संचालन सुधारों को लागू करने के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता की मिसाल देती हैं। ये मील पत्थर न केवल धान के सीजन के दौरान किसानों को निर्बाध बिजली सप्लाई प्रदान करने के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, बल्कि सरकार द्वारा डिजिटल परिवर्तन और पर्यावरण स्थिरता में किए गए निवेशों को भी उजागर करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि बिजली विभाग द्वारा नागरिक हितैषी प्रभावशाली बिजली बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है।


Share news