November 22, 2024

Jalandhar Breeze

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सीमा सुरक्षा बल ने स्थापना के अपने गौरवशाली 57 वर्ष संपूर्ण किए

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जालंधर ब्रीज: सीमा सुरक्षा बल, , कल अपनी स्थापना का 57 वां वर्ष मना रहा है।  यह बल पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारतीय सीमाओं पर रक्षा की पहली पंक्ति है ।  1 दिसंबर, 1965 को अपनी स्थापना के बाद से, इस गौरवशाली बल ने वीरता, बलिदान और समर्पण की एक अदम्य गाथा लिखी है। 1971 के युद्ध, पंजाब के आंतकवाद, उत्तर-पूर्व आंतकवाद, जम्मू-कश्मीर आंतकवाद और नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान अपनी प्रतिष्ठा प्रमाणित करने के अतिरिक्त, बल ने प्राकृतिक आपदाओं, मानवीय संबंधों, साहसिक, खेल गतिविधियों और राष्ट्रीय महत्व के अन्य कई क्षेत्रों में भी अपनी क्षमता को प्रमाणित किया है । पेशेवर दृष्टिकोण और सौंपे गए कार्यों के तन्मयतापूर्वक निष्पादन की क्षमता बल को राष्ट्र के विश्वसनीय बल होने का दर्जा प्रदान करती है। बल प्रत्येक चुनौती के समक्ष दृढ़ता से खड़ा नजर आया है और गौरवपूर्ण में ढंग से सफल होकर उभरा है।

ऐसा पहली बार हो रहा है कि  सीमा सुरक्षा बल अपनी राष्ट्रीय स्तरीय स्थापना दिवस पंजाब में मना रहा है। यह कार्यक्रम 4 दिसंबर, 2022 को गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। उनके साथ महानिदेशक, बीएसएफ, पंकज कुमार सिंह विशेष रुप से उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में बीएसएफ के 11 फ्रंटियर तथा एक महिला टुकड़ी भाग लेंगी ।

दुनिया के इस सबसे बड़े सीमा सुरक्षा बल को स्थापना के समय तक सीमावर्ती राज्यों की पुलिस इकाइयों के कंधों पर ही सीमाओं की सुरक्षा का दायित्व होता था। गुजरात में सरदार पोस्ट पर पाकिस्तानी ब्रिगेड के एक हमले के बाद सुरक्षित सीमाओं को सुनिश्चित करने के लिए एक ऐसे सशस्त्र बल की आवश्यकता महसूस हुई जो केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत हो। । सीमाओं की रक्षा के लिए सेना की तर्ज पर प्रशिक्षित एक सशस्त्र बल तैयार करना और शांति के दौरान सीमा पार अपराधों की जांच करने के लिए पुलिस की तरह काम करना और इस तरह सीमावर्ती क्षेत्रों में रह रहे लोगों में  सुरक्षा की भावना पैदा करना समय की आवश्यकता थी। सचिवों की एक समिति की सिफारिशों पर, बल के पहले महानिदेशक के एफ रुस्तमजी के गतिशील नेतृत्व में बीएसएफ अस्तित्व में आया।

विभिन्न संवेदनशील ऑपरेशनों के दौरान एक नवजात बल से लगातार आतम निर्भरता से कार्यशील रहते हुए मजबूत दर मजबूत होते हुए देश के सबसे अच्छे और विश्वसनीय पेशेवर बलों में से एक बनने की ओर कदम बढ़ाए । इसकी स्थापना के प्रारंभिक वर्षों के दौरान बल को 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान ‘मुक्ति वाहिनी’ की सहायता करने का महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया था। यह रिकॉर्ड में दर्ज है कि बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान वास्तविक युद्ध छिड़ने से पहले बीएसएफ को संगठित किया गया था।

भारतीय सेना के बाद, बीएसएफ राष्ट्र में एकमात्र केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) है जिसके पास स्वतंत्र एयर विंग, प्रभावी आर्टिलरी रैजीमेंट, समर्पित समुद्री डिवीजन और एक विशेष खुफिया शाखा है।

अब तक, बीएसएफ कर्मियों को 1 महावीर चक्र, 13 वीर चक्र, 6 कीर्ति चक्र, 13 शौर्य चक्र, 56 सेना पदक, 232 राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक (पीपीएमजी) और 990 पुलिस वीरता पदक (पीएमजीजी) से सम्मानित किया जा चुका है। इस वर्ष गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बल को 2 कीर्ति चक्र, 21 पुलिस पदक, विशिष्ट सेवा के लिए 10 राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए 92 पुलिस पदक सहित कुल 125 पदकों से सम्मानित किया गया है।

हालाँकि, इन सभी सम्मानों और पदकों को अर्जित करने के लिए सीमा सुरक्षा बल के , 1954 जांबाजों ने अपने कर्तव्य के पालन हेतु सर्वोच्च बलिदान( शहादत) दिया है। वर्ष 2022 में, हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए कुल 20 बीएसएफ जवानों ने अपने प्राणों की आहूति दी है।

यह एक ऐसा बल है जिसके पास अलग से शांतिकाल और फील्ड पोस्टिंग की कोई अवधारणा नहीं है। इस प्रकार सीमा सुरक्षा बल अपने आदर्श वाक्य “जीवन पर्यंत कर्तव्य” के अनुरूप हर समय कर्तव्यों के पालन कार्यों के साथ-साथ अपने चरित्र में भी अद्वितीय है। अपनी स्थापना के बाद से, इस विशिष्ट बल ने पूर्वी और साथ ही पश्चिमी सीमाओं पर सीमा सुरक्षा कार्यों में सहयोग किया है और सीमा प्रबंधन लोकाचार, अवधारणाओं और प्रथाओं को औपचारिक रूप  प्रदान किया है। बीएसएफ सरकार के लिए सबसे भरोसेमंद बल रहा है। कठिन कार्यों को पूरा करने में और देश के लोगों को उनकी आवश्यकता के समय स सहायता उपलब्ध करवाने में इस बल ने अपना सदैव सहयोग दिया है।

भारत-पाकिस्तान अन्तर्राष्ट्रीय सीमा, भारत-बांग्लादेश अन्तर्राष्ट्रीय सीमा और भारतीय सेना के साथ नियंत्रण रेखा पर तैनात होने के अतिरिक्त, बीएसएफ ने आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी और नक्सल विरोधी अभियानों में देश के सुरक्षा प्रतिष्ठानों के बीच अपने समर्पण भाल और निडर पिछली बार आना पेशेवराना व्यवहार वके माध्यम से एक उत्कृष्ट स्थान बनाया है।

इसका एक नक्सल विरोधी मुख्यालय है, जो रेड कॉरिडोर क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ लड़ने वाली समर्पित विभिन्न बटालियनों की निगरानी करता है। इसने पिछले 4 दशकों में नक्सली और आंतकवाद विरोधी अभियानों में एक अनुकरणीय भूमिका निभाई है। इसने सेवन सिस्टर्स स्टेट्स में काउंटर-इंसर्जेंसी से भी लोहा लिया और पूरे भारत में राष्ट्र-विरोधी तत्वों को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

एक सरहदी बल होने के बावजूद आज इसमें सभी रैंकों पर  7000 से अधिक महिलाएं पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं ।

बीएसएफ विश्व स्तर पर एकमात्र अर्धसैनिक संगठन है जो थार रेगिस्तान में गश्त करने के लिए एक सक्रिय ऊंट घुड़सवार सेना का उपयोग करता । 26/11 जैसी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए बीएसएफ कमांडो से बनी ‘क्रीक क्रोकोडाइल- एक क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) भी बनाई गई है। वे सीमा पार घुसपैठ को रोकने के लिए सर क्रीक में कच्छ क्षेत्र के खारे पानी का  रखवाली कार्य करती हैं।

पंजाब फ्रंटियर का इतिहास

“पश्चिमी सीमांत में शुरू में पंजाब, राजस्थान और गुजरात शामिल थे और इसका मुख्यालय जालंधर, पंजाब में था। अश्विनी कुमार, (आई.पी.)  इसके पहले महानिरीक्षक थे जिन्होंने नव निर्मित पश्चिमी सीमांत की कमान संभाली। पंजाब फ्रंटियर का पहला सैक्टर 1 दिसंबर 1965 को जालंधर में अपने मुख्यालय के साथ बनाया गया था। 1972 के दौरान, सैक्टर मुख्यालय फरीदकोट (अब सैक्टर मुख्यालय अबोहर) बनाया गया था। सैक्टर मुख्यालय गुरदासपुर और फिरोजपुर को 1988 में बनाया गया था।

4 दिसंबर, 2022 को अमृतसर में समारोह के दौरान परेड में महिला प्रहरी दल, प्रसिद्ध ऊंट दल, ऊंट बैंड और घुड़सवार दल सहित 12 पैदल चाल टुकड़ी शामिल होगी। सैंट्रल स्कूल ऑफ मोटर ट्रेनिंग (सी एस एम टी ) बी एस एफ टीम द्वारा गजराज और चेतक ड्रिल सहित विभिन्न शो जिसमें मोटर वाहनों का शानदार प्रदर्शन, बाधाएं पार करना और कुछ ही क्षणों में वाहन की मुरम्मत/ फिटिंग संपूर्ण करना करना शामिल है, बीएसएफ ‘सीमा भवानी’ की महिला डेयरडेविल मोटरसाइकिल टीम और ‘जांबाज़’ (पुरुषों की टीम)  द्वारा एड्रेनालाईन पैक डेयरडेविल मोटरसाइकिल शो,  डॉग शो,  बल की तकनीकी प्रगति को प्रदर्शित करने वाली संचार टुकड़ी और बीएसएफ बैगपाइपर्स बैंड द्वारा विशेष कार्यक्रम परेड के दौरान प्रदर्शित किए जाएगे।

इसके अलावा परेड के दौरान बीएसएफ वाटर विंग, एयर विंग, सैंट्रल वर्कशॉप एंड स्टोर्स और बल के कुछ अन्य महत्वपूर्ण विभागों की झांकियां भी प्रदर्शित की जाएंगी।


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