जालंधर ब्रीज: आतिथ्य विभाग की गुणवत्ता, कुशलता, उपयोगिता को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से पंजाब के परिवहन एवं आतिथ्य मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने आज आतिथ्य विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।मंत्री ने विशेष तौर पर पंजाब भवन और पंजाब, चण्डीगढ़ और शिमला के सर्किट हाऊसों की हालत का जायज़ा लिया और सुधार की संभावनाओं के बारे में चर्चा की।
मंत्री ने इस बात पर भी चिंता ज़ाहिर की कि सर्किट हाऊस गुरदासपुर के भवन और साजो-सामान में किए गए बड़े निवेश के बावजूद इसको कार्यशील नहीं किया गया और इसको जल्द से जल्द कार्यशील करने के लिए ज़रूरी आवश्यकताओं समेत कारणों के बारे में रिपोर्ट की माँग की। मंत्री द्वारा यह भी नोटिस किया गया कि सिडर हाऊस शिमला की लम्बे समय से मरम्मत चल रही है और यह अभी भी मुकम्मल नहीं हुई। इसलिए, निदेशक आतिथ्य को लोक निर्माण विभाग (बी एंड आर) से स्थिति रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए कहा गया। इसके अलावा सिडर रैस्ट हाऊस शिमला की अतिरिक्त भूमि पर नए अतिरिक्त गेस्ट रूम कॉम्पलैक्स के निर्माण की संभावना के बारे में रिपोर्ट भी माँगी गई।
मंत्री ने आगे कहा कि कुछ सर्किट हाऊस सम्पतियों को पीपीपी मॉडल के अंतर्गत लाने के विचार के लिए संकल्प और लॉजिस्टिक्स भी इसकी कार्यशीलता या समीक्षा का कारण हो सकता है। उन्होंने विशेष तौर पर 1992-95 के दौरान बनाए गए सर्किट हाऊस अमृतसर के सुरक्षित भवन को गिराने के लिए अलग रिपोर्ट की माँग की और इस बात की माँग की कि गिराते समय इमारत को सुरक्षित और प्रयोग योग्य माना गया था, इसके बावजूद भी इमारत को क्यों गिराया गया? इमारत को गिराना, नए भवन का निर्माण और एक निजी कारोबारी कंपनी को लम्बे समय के लिए किराए पर सौंपने के पीछे क्या उद्देश्य थे? हेरिटेज बिल्डिंग कॉम्पलैक्स अमृतसर को आतिथ्य विभाग ने अपने पास रखना था और उसे भी प्राईवेट एजेंसी को सौंपने के पीछे क्या कारण थे? इसके अलावा अधिकारियों से सभी सर्किट हाऊसों के कामकाज, कथित तौर पर उनको पीपी मॉडल के अधीन लाने की प्रक्रिया के तहत उनकी स्थिति के बारे में विशेष रिपोर्ट की भी माँग की गई।
इस मौके पर मंत्री ने अधिकारियों के साथ पंजाब सिविल सचिवालय-1 की 10वीं, 6वीं और तीसरी मंजि़ल पर स्थित कैंटीन कॉम्पलैक्स का भी दौरा किया, जिससे यहाँ खाना खाने वाले कर्मचारियों द्वारा दिए गए सुझावों और आतिथ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रस्तावित सुझावों के अनुसार इन कैंटीनों के कामकाज, मुहैया करवाई जा रही सेवाओं और वातावरण को बेहतर बनाया जा सके।
मंत्री को यह भी बताया गया कि कैंटीन की इमारत की मरम्मत का काम सामान्य प्रशासन द्वारा ए.डी.ओ. -1 के तालमेल से शुरू किया गया था, परन्तु यू.टी. प्रशासन, हेरिटेज दिशा-निर्देशों द्वारा लगाई गई कुछ रोक के कारण मरम्मत का काम स्थगित कर दिया गया था, परन्तु कैंटीन में संभावित सुधारों के लिए संशोधित योजना अभी तक नहीं बनी। मंत्री ने निदेशक आतिथ्य को स्थिति की रिपोर्ट प्राप्त करने और फि़लहाल 11वीं मंजि़ल की कैंटीन के लिए एयर कंडीशन (स्टैंडिंग) सुविधा का प्रबंध करने की सलाह दी।
आतिथ्य विभाग के अधिकारियों ने गुणात्मक नज़रिए से आतिथ्य सेवाओं में और सुधार करने के लिए कोई कसर बाकी ना छोडऩे का भरोसा दिया। बैठक में अन्यों के अलावा प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन-प्रोटोकोल रजत अग्रवाल, लोक संपर्क एवं आतिथ्य विभाग के निदेशक डॉ. सुमीत जारंगल, आतिथ्य विभाग के संयुक्त निदेशक निर्मल सिंह संधू और आतिथ्य विभाग के चार सहायक निदेशक हरजिन्दर सिंह, आर.एल चोपड़ा, सुशील कुमार, कुलवंत सिंह समेत एम.टी. एंड एच. सन्दीप पुरी के ओ.एस.डी. उपस्थित थे।
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