November 13, 2024

Jalandhar Breeze

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कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा प्रधानमंत्री को पंजाब के लिए कोविड प्रबंधन के लिए 200 करोड़ रुपए तुरंत जारी करने की अपील

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जालंधर ब्रीज: कोविड के बढ़ रहे मामलों के कारण मैडीकल आक्सीजन की कमी पैदा होने के अंदेशों के मद्देनजऱ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज प्रधानमंत्री को अन्य राज्यों से उचित सप्लाई यकीनी बनाने के लिए ज़रुरी कदम तत्काल उठाने के निर्देश देने की अपील की है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 200 करोड़ रुपए तुरंत जारी करने की माँग की जिस संबंधी राज्य सरकार ने कोविड प्रबंधन के लिए केंद्रीय सहायता की आगामी राशि के तौर पर देने की अपील की थी।
माहिरों की तरफ से पराली जलाने से कोविड की स्थिति और गंभीर होने की संभावना के दिए सुझाव के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने धान की पराली के प्रबंधन की लागत के भुगतान के लिए किसानों को केंद्र सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता देने की माँग को दोहराया। उन्होंने कहा कि चाहे राज्य सरकार पराली जलाने की समस्या संबंधी कोविड के साथ जोड़ कर किसानों और आम लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक स्तर पर मुहिम चला रही है परन्तु यह ज़रूरी हो जाता है कि भारत सरकार धान की पराली के प्रबंधन के लिए किसानों के लिए राज्य सरकार की तरफ से धान पर 100 रुपए प्रति क्विंटल मुआवज़ा देने के लिए कदम उठाए।
प्रधान मंत्री के साथ वर्चुअल मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने अपील की कि कंट्रोलर ऑफ ऐकसपलोजि़वज़, नागपुर को एच.एल.एल. की तरफ से प्रधानमंत्री स्वस्थ सुरक्षा योजना के अंतर्गत सरकारी मैडीकल कालेज पटियाला में स्थापित किये जाने वाले लिकुअड मैडीकल आक्सीजन प्लांट के लिए लायसंस की विनती को मंजूरी दी जाये।
इस मीटिंग में केंद्र रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्ष वर्धन के अलावा छह अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल थे। इन 7 राज्यों में महाराष्ट्र, आंध्रा प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब शामिल हैं, जिनका देश के कुल कोविड मामलों में इस समय पर 62 प्रतिशत योगदान है।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री की विनतियों पर गौर करने का वादा करते हुये सुझाव दिया कि राज्य सरकार को कोविड सम्बन्धी जागरूकता प्रयासों में सिविल सोसायटियों को बड़े स्तर पर शामिल करने और गुरुद्वारों और अन्य धार्मिक स्थानों से घोषनाएं करने जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने पॉजिटिविटी दर को 5 प्रतिशत से कम करने और कोविड मौत दर को नीचे लाने के लिए पंजाब की योग्यता में भरोसा ज़ाहिर किया।
यह जि़क्र करते हुये कि कोविड के मामलों में देरी से विस्तार होने के कारण पंजाब के सरकारी और प्राईवेट अस्पताल मैडीकल आक्सीजन सप्लाई की कमी का सामना कर सकते हैं, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत करवाया कि मैडीकल आक्सीजन का कोई उत्पादक न होने के कारण राज्य लिकुअड आक्सीजन के लिए बड़े स्तर पर तीन बड़े उत्पादकों पर निर्भर है। उन्होंने बताया कि यह प्लांट बुराई (हिमाचल प्रदेश), देहरादून (उत्तराखंड) और पानीपत (हरियाणा) में हैं परन्तु देहरादून और पानीपत के प्लांट राज्य की माँग के मुताबिक आक्सीजन सप्लाई नहीं कर रहे। उन्होंने बताया कि यदि पानीपत रिफायनरी की सप्लाई घटा दी जाये तो पानीपत प्लांट राज्य को अतिरिक्त सप्लाई कर सकता है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार अपने स्तर पर उद्योगों के साथ औद्योगिक आक्सीजन को मैडीकल आक्सीजन में तबदील कर देने के लिए बातचीत कर रही है।
वित्तीय पैकेज संबंधी मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने कोविड -19 एमरजैंसी रैसपांस फंड से 131.22 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं और सारी रकम का प्रयोग सर्टिफिकेट (यू.सी.) जमा करवाने के बाद राज्य की तरफ से भारत सरकार को 200 करोड़ रुपए तुरंत जारी करने की विनती की गई थी और रकम का इन्तज़ार अभी जारी है। उन्होंने आगे बताया कि मौजूद साधनों से एस.डी.आर.एफ. के अंतर्गत कोविड राहत के लिए 35 प्रतिशत खर्चे की निश्चित हद संबंधी पुनर्विचार करने के लिए भारत सरकार को विनती की गई थी परन्तु केंद्र सरकार की तरफ से अभी भी कोविड के लिए एस.डी.आर.एफ. पर वार्षिक 35 प्रतिशत हद को ही जारी रखा जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री को विनती की कि इस हद को समूची हद के रूप में तबदील कर दिया जाये या बिल्कुल ही हटा दिया जाये क्योंकि यह महामारी लंबे समय तक चलने वाली है।
कोविड के खि़लाफ़ राज्य की जंग को और मज़बूती प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने यह भी विनती की कि भारत सरकार की तरफ से मुहैया किये गए वैंटीलेटरों को बी.ई.एल. के द्वारा जल्दी ही स्थापित कर दिया जाये। उन्होंने इस बात की तरफ भी प्रधानमंत्री का ध्यान दिलाया कि वैंटीलेटरों की गुणवत्ता में खऱाबी संबंधी भी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संभाल संस्थाओं की तरफ से शिकायतें की जा रही हैं। उन्होंने केंद्र सरकार को पी.जी.आई.एम.ई.आर, चण्डीगढ़ को आई.सी.यू. बैडज़ की संख्या बढ़ाने और संगरूर वाले अपने सैटेलाइट सैंटर की व्यवस्था मज़बूत करने के अलावा फिऱोज़पुर वाले सैंटर सम्बन्धी काम शुरू करने की भी विनती की जैसे कि पहले उनकी तरफ से माँग की गई थी। उन्होंने आगे बताया कि एमज़, बठिंडा को अपनी मौजूदा बैडज़ की संख्या 20 से बढ़ाने के लिए कहा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने राज्य के कौवा एप को आई.सी.एम.आर के पोर्टल के साथ एकीकरण किये जाने पर भी ज़ोर देते कहा क्योंकि इससे पंजाब में स्थित हर लैबारेटरी सम्बन्धी डाटा आई.सी.एम.आर पोर्टल पर उपलब्ध हो सकेगा जैसे कि आई.सी.एम.आर के डायरैक्टर जनरल को पहले ही विनती की जा चुकी है।
राज्य में कोविड से पैदा हुए हालात पर प्रधानमंत्री को जानकारी देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि बीते 3-4 हफ़्तों के दौरान कोविड मामलों की संख्या में विस्तार हुआ है और औसतन बीते हफ्ते के दौरान तकरीबन 2400 -2500 मामले सामने आए हैं और रोज़मर्रा के 55 -60 मौतें हुई हैं। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि चिंता का मुख्य विषय कोविड मामलों में मौत की अनुपात दर है जो कि बीते एक हफ्ते के दौरान कुछ हद तक नीचे आने के बावजूद भी 2.9 प्रतिशत पर कायम है। उन्होंने इस दर पर नकेल डालने के लिए ख़ास कर राज्य के 9 सबसे प्रभावित जिलों में उठाये जा रहे कई कदमों के बारे भी प्रधानमंत्री को अवगत करवाया। उन्होंने यह कहा कि सबसे बड़ी समस्या पंजाबियों की ‘चलता है’ की आदत है जिस कारण वह छोटे-मोटे लक्षणों को गंभीरता के साथ नहीं लेते। उन्होंने और जानकारी दी कि इस समस्या में और भी विस्तार इस कारण हुआ है कि कुछ राजनैतिक पार्टियों जैसे कि लोक इन्साफ पार्टी की तरफ से मास्क पहनने के खि़लाफ़ प्रचार किया जा रहा है जिसके निष्कर्ष के तौर पर ख़ास कर भीड़भाड़ वाले इलाकों में 25 प्रतिशत लोग मास्क नहीं डाल रहे और पुलिस को प्रति दिन 4000 -5000 उल्लंघन करने वालों को जुर्माना लगाना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने हाल ही में कुछ शरारती तत्वों और राजनैतिक तौर पर सम्बन्ध रखते कुछ लोगों की तरफ से किये भ्रामक प्रचार करने का भी जि़क्र किया जिन्होंने बहुत योजनाबद्ध ढंग से मुहिम चला कर कोविड को भारत सरकार और पंजाब सरकार की साजिश बताया और अंग निकालने की गलत सूचना फैलायी। उन्होंने बताया कि यह लोग सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय थे और कुछ पंचायतों ने टैस्ट करवाने के विरुद्ध प्रस्ताव भी पास कर दिए। वीडीयोज़ वायरल होने से आम लोगों में कोविड की टेस्टिंग करवाने के विरुद्ध डर पैदा हो गया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि स्थिति में अब सुधार हुआ है और इस समय पर आर.टी. -पी.सी.आर. और आर.ए.टी. के द्वारा रोज़मर्रा के 30,000 के लगभग टैस्ट किये जा रहे हैं। उन्होंने अस्पताल में दाखि़ल होने से जुड़े डर को दूर करने के लिए एकांतवास हुए मरीज़ों को बाँटी जा रही कोविड किटों के विवरण भी सांझे किये।


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