
जालंधर ब्रीज: “पंजाब सरकार मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य में समाज के उपेक्षित वर्गों की भलाई के लिए कार्य कर रहे एनजीओ की हर संभव सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है।” यह विचार पंजाब की सामाजिक न्याय, अल्पसंख्यक अधिकारिता, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने व्यक्त किए। वे आज सोसाइटी फॉर वेलफेयर ऑफ हैंडीकैप्ड के 58वें स्थापना दिवस पर गांव सैफदीपुर स्थित डेफ एंड ब्लाइंड स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों की आवाज और सोच को इस प्रकार की संस्थाओं की सहायता से उस मुकाम तक पहुँचाया जाएगा, जहाँ तक उनका पहुँचना उनका अधिकार है।
इस अवसर पर डॉ. बलजीत कौर ने सोसाइटी फॉर वेलफेयर ऑफ हैंडीकैप्ड द्वारा बोलने, सुनने और देखने में असमर्थ बच्चों के कल्याण और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए किए जा रहे विशेष प्रयासों की सराहना करते हुए विद्यालय के बुनियादी ढांचे के विकास हेतु पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की।
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य को “रंगला पंजाब” बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी वर्गों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन कहीं न कहीं कुछ कमी रह जाती है, जिसे इस प्रकार की संस्थाएं दूर करती हैं।
डॉ. बलजीत कौर ने मुक्तसर ज़िले में अपने द्वारा लोगों की आँखों की बीमारियों का इलाज करने का अनुभव साझा करते हुए अपील की कि हमें जीते जी यह प्रण लेना चाहिए कि मृत्यु के बाद अपनी आँखें दान करें। उन्होंने जन्म से बोलने, सुनने और देखने में असमर्थ लेकिन विश्व प्रसिद्ध हस्ती हेलेन केलर का उदाहरण देते हुए डेफ एंड ब्लाइंड स्कूल के शिक्षकों की प्रशंसा की और कहा कि इनके मार्गदर्शन से ये बच्चे अब दिव्यांग नहीं रहे, बल्कि अपनी प्रतिभा से समाज को प्रभावित कर रहे हैं।
सोसाइटी के सचिव कर्नल करमिंदर सिंह के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में पटियाला स्कूल फॉर द डेफ, स्कूल फॉर द ब्लाइंड और स्कूल फॉर द डेफ-ब्लाइंड के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि ये बच्चे किसी भी प्रकार से कम नहीं हैं, बल्कि अद्वितीय कला के स्वामी हैं और शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण बच्चे भी आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि शारीरिक रूप से किसी अंग से वंचित होना अधूरापन नहीं होता, बल्कि मानसिक रूप से अधूरा होना बड़ी कमी है। इसलिए ऐसे बच्चों के लिए काम कर रही सोसाइटी फॉर वेलफेयर ऑफ हैंडीकैप्ड की सहायता के लिए पंजाब सरकार के द्वार सदा खुले हैं।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि स्वयं को उपेक्षित समझने वाले लोगों के लिए काम कर रही एनजीओ की जितनी प्रशंसा की जाए, उतनी कम है, इसलिए भगवंत सिंह मान सरकार ऐसी संस्थाओं को अपने साथ लेकर चल रही है।
सोसाइटी फॉर वेलफेयर ऑफ हैंडीकैप्ड के सचिव कर्नल करमिंदर सिंह ने बताया कि इस स्कूल में पंजाब सहित 13 राज्यों के 450 से अधिक दिव्यांग विद्यार्थी पढ़ते हैं और उन्हें सक्षम बनाना हमारे लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। उन्होंने बताया कि यह संस्था पिछले 58 वर्षों से ऐसे विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा प्रदान कर रही है।
इस मौके पर एडीसी (ज) ईशा सिंगल, सोसाइटी के कोषाध्यक्ष पवन गोयल, ब्रिगेडियर आर.एस. मान, जगजीत सरीन, रूप कंबोज, एस.के. कोछड़, बाबा गुरनाम सिंह, शिव दत्त (यूके), डेफ स्कूल की प्रिंसिपल रेनू सिंगला, ब्लाइंड स्कूल की प्रिंसिपल कविता सहित बड़ी संख्या में दिव्यांग बच्चे, उनके माता-पिता व अध्यापक उपस्थित रहे।
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