जालंधर ब्रीज: आम आदमी पार्टी(आप)पंजाब के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने बेतुके ऐलानों की जमीनी हकीकत को खुद ही कबूलना शुरू कर दिया है। चीमा के मुताबिक चन्नी कैबिनेट द्वारा प्रदेश के 36000 कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की हकीकत का शनिवार को मुख्यमंत्री चन्नी ने ही पर्दाफाश कर दिया।
शनिवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री चन्नी को आज सार्वजनिक तौर पर सच बोलते देखा गया कि 36000 कच्चे कर्मचारी पक्के नहीं हुए हैं । यह बात हम (आम आदमी पार्टी) कहते आ रहे हैं कि कच्चे मुलाजिम पक्के नहीं हुए। चीमा ने कहा कि “आप” पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष भगवंत मान मुख्यमंत्री चन्नी समेत पूरी कांग्रेस सरकार को खुली चुनौती देते आ रहे हैं कि 36000 तो दूर केवल 36 कर्मचारियों के नाम ही बता दें जिनकी सेवाएं चन्नी सरकार ने पक्की की हों।
हरपाल सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को अब तक का सबसे कमजोर मुख्यमंत्री करार देते हुए कहा कि “चन्नी की “फेंकू आदत” को भांप कर प्रदेश की अफसरशाही भी चन्नी के कंट्रोल में नहीं है ,जबकि कुर्सी के आपसी झगड़े को लेकर कांग्रेसी विधायक और मंत्री पहले दिन से बेकाबू हैं।” चीमा ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री ने कच्चे कर्मचारियों को पक्के करने की प्रक्रिया को गंभीरता और सही नीति-नीयत के साथ आगे बढ़ाया होता तो पंजाब के राज्यपाल के पास इस फाइल को लटकाने का कोई ठोस कारण नहीं बचता।
चीमा ने कहा कि आज चन्नी सफाई दे रहे हैं कि पंजाब के राज्यपाल ने 36000 कच्चे कर्मचारियों को पक्के करने की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे, अगर ऐसा नहीं किया तो वह अपनी पूरी कैबिनेट के साथ पंजाब राजभवन (राज्यपाल निवास) के सामने धरना देंगे। चीमा ने सवाल किया कि क्या सरकार के धरने लगाने से मामला रद्द हो जाएगा, जिसके खिलाफ पूरे पंजाब में पहले से धरने लगाए जा रहे हैं। सवाल यह भी उठेगा कि जो सरकार प्रदेश भर में अलग-अलग वर्गों द्वारा लगाए जा रहे धरने को गंभीरता से नहीं ले रही, उल्टा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और केस दर्ज करती है, ऐसी सरकार द्वारा लगाए जा रहे धरने को पंजाब के राज्यपाल कितना गंभीरता से लेंगे?
चीमा ने मुख्यमंत्री चन्नी को सलाह देते हुए कहा कि उनके झूठे और बेतुके ऐलानों की पोल खुल चुकी है, इसलिए उनको राजभवन के पास धरना देने की बजाए नैतिकता के आधार पर तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और 36000 करोड़ कच्चे कर्मचारियों को पक्के करने संबधी पूरे पंजाब में लगाए होर्डिंग्स पर खर्च हुए सरकारी पैसे की भरपाई को अपनी जेब से कर पंजाब की जनता से माफी मांगनी चाहिए। चीमा ने कहा कि चन्नी के 100 दिनों में 100 काम करने के दावों की जमीनी हकीकत भी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के ऐलान की तरह ही है।
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