November 13, 2024

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मुख्यमंत्री ने एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स के नए कार्यालय का किया उद्घाटन; नशा विरोधी हेल्पलाइन और व्हाट्सएप चैटबॉट की भी की शुरुआत

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जालंधर ब्रीज: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ए.एन.टी.एफ.) के नए कार्यालय को जनता को समर्पित किया और नशा विरोधी हेल्पलाइन और व्हाट्सएप चैटबॉट (97791-00200) की शुरुआत की।

नए बने कार्यालय का उद्घाटन करने और हेल्पलाइन की शुरुआत करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने मौजूदा विशेष टास्क फोर्स के बजाय ‘एपेक्स स्टेट लेवल ड्रग लॉ एनफोर्समेंट यूनिट’ को एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ए.एन.टी.एफ.) के रूप में नया रूप देने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि यह सेल पुलिस स्टेशन सोहाणा, सेक्टर-79 एस.ए.एस. नगर की दूसरी मंजिल पर काम करेगा। उन्होंने कहा कि हाल ही में 90 लाख रुपए की लागत से इमारत का नवीनीकरण किया गया है। भगवंत सिंह मान ने बताया कि नशे के खिलाफ सफल लड़ाई के लिए नशा विरोधी हेल्पलाइन और व्हाट्सएप चैटबॉट (97791-00200) की शुरुआत की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हेल्पलाइन आम नागरिकों और नशा पीड़ितों को नशा तस्करों के बारे में जानकारी देने का अवसर प्रदान करेगी और नशा छोड़ने के इच्छुक पीड़ितों के लिए चिकित्सीय सहायता सुनिश्चित करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे जमीनी स्तर पर नशे की तस्करी रोकने और इस घृणित अपराध में शामिल बड़ी मछलियों की पहचान करने में मदद मिलेगी और सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि टास्क फोर्स सिर्फ नई बोतल में पुरानी शराब ही नहीं है, बल्कि इस नई विशेष फोर्स को नशों के खिलाफ प्रभावी ढंग से निपटने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों, संसाधनों और तकनीक से लैस किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ए.एन.टी.एफ की मौजूदा कर्मचारियों की संख्या को 400 से दोगुना कर 861 किया जा रहा है और पुलिस विभाग के लिए आने वाली 10,000 नई भर्तियों में से ए.एन.टी.एफ के लिए ये नई भर्तियां की जाएंगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष 2024-25 में ए.एन.टी.एफ की नई स्थापित इंटेलिजेंस और तकनीकी इकाई को अत्याधुनिक एजेंसी के रूप में विकसित करने के लिए हाई-टेक सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर की खरीद और बुनियादी ढांचे के नवीनीकरण के लिए 12 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं। ए.एन.टी.एफ की बेहतरी के लिए 14 नई महिंद्रा स्कॉर्पियो गाड़ियां प्रदान की जाएंगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ए.एन.टी.एफ को मोहाली में अपना स्वतंत्र मुख्यालय स्थापित करने के लिए एक एकड़ की अलग भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्रवर्तन-नशामुक्ति-रोकथाम (ई.डी.पी) रणनीति को लागू करने के लिए पंजाब स्टेट कैंसर और डी-एडिक्शन ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (सी.ए.डी.ए फंड) से 10 करोड़ रुपए ए.एन.टी.एफ के लिए मंजूर किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पुलिस कानून-व्यवस्था से संबंधित गंभीर मामलों को प्रभावी ढंग से हल कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की रियायत न देने की नीति अपनाई गई है और खन्ना बेअदबी कांड और अमृतसर में एन.आर.आई पर हुए हमले में पुलिस की त्वरित कार्रवाइयों की सभी ने सराहना की है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पुलिस देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए राज्य की 532 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर प्रभावी ढंग से तैनात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही पुलिस को ड्रोन और सीमा पार से तस्करी के रूप में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन पंजाब पुलिस अपनी ड्यूटी कुशलता से निभा रही है। उन्होंने कहा कि नशे के मामलों में उचित कानूनी कार्रवाई के लिए इस नई फोर्स के साथ विशेष कानून अधिकारी तैनात किए गए हैं और राज्य सरकार ने पहले दिन से ही यह सुनिश्चित किया है कि राज्य में नशा तस्करों को कोई राजनीतिक संरक्षण न मिले ताकि इस खतरे को जड़ से समाप्त किया जा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने नशे के खिलाफ पूरी सख्ती से कार्रवाई करते हुए इस पर शिकंजा कसा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे की तस्करी में शामिल कई बड़ी मछलियों को सलाखों के पीछे डाला गया है और उनके खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज की गई हैं और 379 नशा तस्करों की 173 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की गई हैं और अन्य कार्रवाइयां जारी हैं। उन्होंने कहा कि यह संतोष की बात है कि इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं और युवा राज्य की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में सक्रिय भागीदार बन रहे हैं और यह रिकॉर्ड पर है कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में दाखिलों में भारी वृद्धि हो रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार की जनहितैषी नीतियों के कारण युवाओं के विदेश जाने की प्रवृत्ति में कमी आ रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक प्रमुख पहल के रूप में राज्य सरकार ने पंजाब पुलिस में निचले स्तर पर बड़ी संख्या में कर्मचारियों का तबादला किया है, जो लंबे समय से अपने पुराने पदों पर बने हुए थे। उन्होंने कहा कि डिवीजनों में बड़ी संख्या में तबादले किए गए हैं और तस्करों और कर्मचारियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की प्रक्रिया जारी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य राज्य में नशे की तस्करी को रोकना है क्योंकि उन्हें रिपोर्टें मिली थी कि निचले स्तर के पुलिसकर्मी और नशा तस्कर आपस में मिले हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब भर के गांवों को नशा मुक्त करने के लिए विशेष अनुदान देगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन अनुदानों का उपयोग गांवों में खेलों और खेलों के बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाएगा, जो युवाओं की अथाह शक्ति को सकारात्मक दिशा में लाने में अधिक सहायक सिद्ध होगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के खिलाड़ियों ने पहले ही ओलंपिक जैसी खेलों में देश का नाम रोशन किया है और वह दिन दूर नहीं जब पंजाबी युवा और अधिक पदक जीतकर लाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक विभिन्न विभागों में 44,667 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे हैं। उन्होंने कहा कि यह भर्ती पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया के तहत केवल योग्यता के आधार पर की गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे युवाओं में राज्य सरकार के लिए काम करने का विश्वास बढ़ा है, जिसके कारण वे विदेश जाने के बजाय यहां सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहे हैं।

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार और एन.एच.ए.आई को पंजाब की उपजाऊ भूमि की तुलना अन्य राज्यों से करना बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण को लेकर राज्य में कानून व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है, लेकिन मामला केवल भूमि के उचित मूल्य का है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह केंद्र सरकार को जमीनी हकीकत से पहले ही अवगत करा चुके हैं और राज्य में भूमि अधिग्रहण का काम सुचारू रूप से चल रहा है।

एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने भाजपा से कंगना रणौत जैसे अपने विवादास्पद सांसदों को नियंत्रित करने के लिए कहा, जो अपने बयानों से देश का माहौल खराब कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंगना मंडी क्षेत्र के लोगों की भलाई पर ध्यान देने के बजाय अपने बेबुनियाद बयानों से पंजाबियों की भावनाओं को आहत कर रही हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि भाजपा को ऐसे नेताओं को नियंत्रित करना चाहिए क्योंकि केवल यह बयान देने से कि यह सांसदों के निजी विचार हैं, भगवा पार्टी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती।


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