जालंधर ब्रीज: विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर की गई टिप्पणी को ‘बेहद असंवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया है।
वह बांग्लादेश में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। संकट की घड़ी में उन्होंने भारत आने का फैसला किया। इसके अलावा, भारत के उनके और बांग्लादेश के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। वह हमारे देश की मेहमान हैं। सीएम मान ने उन्हें यहां घर जैसा महसूस कराने के बजाय तानाशाह कह दिया। बाजवा ने कहा कि इस तरह के बयान बेहद निंदनीय हैं।
आज होशियारपुर में राज्य स्तरीय वन महोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि बंगलादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के 15 साल के शासन को अचानक समाप्त करने वाली घटनाओं ने यह सबक सिखाया है कि तानाशाही शासन हमेशा नहीं रह सकता।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता बाजवा ने कहा कि वह न केवल लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित बांग्लादेश सरकार की प्रमुख हैं, बल्कि बांग्लादेश के संस्थापक और पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की बेटी भी हैं। शेख हसीना ने 1975 में अपने पिता की हत्या के बाद दिल्ली में शरण मांगी थी। तब भारत की प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्रय दिया था।
उन्होंने कहा कि भगवंत मान जिम्मेदार पद पर हैं। वह अब कॉमेडियन नहीं रहे जो किसी का मजाक उड़ा सकें। उन्हें समझना चाहिए कि हमारा पड़ोसी देश वर्तमान में गंभीर आंतरिक संकट से गुजर रहा है। बाजवा ने कहा कि अगर वह उनसे कुछ अच्छे शब्द नहीं कह सकते तो कम से कम उन्हें इस तरह की कठोर भाषा के इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए था।
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