November 22, 2024

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भ्रष्ट और गैरजिम्मेदार सरकारी तंत्र ने तबाह किए पंजाब के 500 शेलर : हरपाल सिंह चीमा

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जालंधर ब्रीज: आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार के ऊपर से नीचे तक की भ्रष्ट और गैरजिम्मेदार शासन व्यवस्था ने पंजाब के 500 से अधिक शेलर को तबाह कर दिया। नतीजतन शेलर मालिकों और संचालकों पर करोड़ों रुपये का कर्ज हो गया है और सवा लाख से ज्यादा लोगों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार छिन गये हैं। लेकिन पहले की शिअद-भाजपा सरकार की तरह कांग्रेस सरकार को भी इससे कोई फर्क नहीं पड़ा।

हरपाल सिंह चीमा ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में कहा कि सरकारी तंत्र की लापरवाही और अक्षमता के चलते पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के खरीफ मार्केटिंग सीजन (केएमएस) में 2009 और 2010 में 201 किस्मों के झांबे शेलर में से 500 से अधिक शेलर आज भी बंद हैं। ये शेलर सरकारी रिकॉर्ड में डिफॉल्टरों की सूची में हैं। शेलर मालिकों और ऑपरेटरों को न केवल निवेश राशि में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ, बल्कि उन्हें निजी और राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों से लिए कर्ज के कारण  लगभग 350 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। जिसके लिए पहले की बादल और कैप्टन सरकार और अब चन्नी सरकार सीधे तौर पर जिम्मेदार है।

चीमा ने कहा, “अगर सरकारी व्यवस्था भ्रष्टाचार मुक्त होती और सरकार की नीतियां स्पष्ट होती तो पीएयू की 201 किस्में पहले खेतों तक पहुंचतीं। फिर मंडियों में पहुंचती और वहां से शैलरों तक पहुंचती। अगर ऐसा होता तो केएमएस 2009 व 2010 शेलर व सरकारी गोदामों में रखे पीएयू-201 धान का निस्तारण अगले वर्ष नई मिलिंग नीति के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर निपटारा हो गया होता, जो 2014 और 2015 में गोदामों में खराब होता रहा। लेकिन चूंकि बाजार माफिया और भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर व्याप्त है इसलिए सरकारों (बादल और कांग्रेस) ने कभी भी इस मुद्दे का उचित तरीके से हल करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। नतीजतन, जहां सैकड़ों शेलर और निवेशक डूब गए, वहीं सवा लाख लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बेरोजगार हो गए। लेकिन सरकार को अभी भी कोई चिंता या समस्या नहीं है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

चीमा ने कहा कि यह सब भ्रष्ट व्यवस्था का खेल है कि पंजाब कैबिनेट की ओर से 2019 में शुरू की गई वन स्टॉप सेटलमेंट स्कीम (ओटीएस) के तहत इन प्रभावित और डिफॉल्टर शेलों को घटे माल की रिकवरी का ऐलान किया गया, लेकिन पिछले 5-6 वर्षों में क्षतिग्रस्त और सूखे धान के कम वजन से होने वाले नुकसान में राहत नहीं दी गई। चीमा ने सरकार की नीति और मंशा पर सवाल उठाया कि अगर एक ही किस्म पर पनसप (201) और अन्य एजेंसियां को लंबे समय तक भंडारण के लिए 25 प्रतिशत तक की छूट दी जा सकती है तो शेलर मालिकों को समान अवधि में हुए नुकसान की वसूली के लिए किस आधार पर आदेश जारी किए जा रहे हैं?  

चीमा ने कहा कि 2022 में आप सरकार बनने पर न केवल पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होगी बल्कि खाद्य आपूर्ति विभाग और खरीद एजेंसियों के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाएगी। चीमा ने शेलर उद्योग सहित पूरे खाद्य प्रसंस्करण और पंजाब के अन्य उद्योगों को आश्वासन दिया कि आप सरकार कांग्रेस और शिअद-भाजपा की पूरी भ्रष्ट व्यवस्था को जड़ से उखाड़ फेंकेगी और राज्य में शेलर मालिकों, व्यापारियों और उद्योगपतियों के सभी लंबित मुद्दों का समाधान करेगी। उन्होंने कहा आप सरकार प्राथमिकता के आधार पर वन-स्टॉप सेटलमेंट के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्र को फिर से समृद्धि के पथ पर लाएगी।


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