गुरमत संगीत मारतंड प्रो. करतार सिंह, जो डी.एम.सी. हीरो हर्ट लुधियाना के आई.सी.यू. में उपचाराधीन हैं, को भारत के राष्ट्रपति की तरफ़ से, लुधियाना के डिप्टी कमिशनर श्री वरिन्दर कुमार शर्मा ने आज अस्पताल पहुंच कर पद्म श्री पुरस्कार उन्हें सुपुर्द किया। प्रोफ़ेसर करतार सिंह को कला के क्षेत्र में उनके कीमती योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। स्वास्थ्य समस्या के चलते वह राष्ट्रपति भवन वाले समारोह में शामिल नहीं हो सके थे।
भारत सरकार की तरफ से डिप्टी कमिश्नर लुधियाना के द्वारा विशेष रूप से उनको पद्म श्री सम्मान उनके सुपुर्द किया गया, जोकि इस समय पर हीरो डी.एम.सी. हर्ट इंस्टीट्यूट के आई.सी.यू. में उपचाराधीन हैं। इस मौके पर उनके पारिवारिक सदस्य जिनमें बेटियाँ मनजीत कौर और सुखबीर कौर, पुत्र अमरजीत सिंह और अमृतपाल सिंह, बहु अमरजीत कौर और पोते-पोतियाँ और उनके संगीत शागिर्द रविन्दर रंगूवाल भी मौजूद थे। डिप्टी कमिश्नर श्री वरिन्दर कुमार शर्मा ने इस सम्मान के लिए प्रो. करतार सिंह जी और उनके पारिवारिक सदस्यों को विशेष तौर पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रो. करतार सिंह को उनके गुरबानी संगीत के बारे में सैद्धांतिक पुस्तकें लिखने, गुरबानी का रागों के मुताबिक गायन और प्रशिक्षण के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान है।
वैसे तो उनके योगदान के लिए उनको पहले भी अलग-अलग उच्च स्तरीय सम्मानों से सम्मानित किया गया है, परन्तु पद्म श्री सम्मान सर्वोत्तम है। प्रो. करतार सिंह 13 साल की उम्र से संगीत अभ्यास कर रहे हैं और उनको प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत के रूप ‘तंती साज़’ में महारत हासिल है। उनकी सेवाओं को सम्मान देने पर सरकार का धन्यवाद करते हुए उनके पारिवारिक सदस्यों ने डिप्टी कमिश्नर का भी उनको निजी तौर पर पहुँच कर भारत सरकार द्वारा पद्म श्री प्रदान करने के लिए विशेष रूप से उनका धन्यवाद किया।
इससे पहले भारत सरकार ने उनको संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और संगीत के लिए टैगोर रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया था। उनको पंजाब सरकार के भाषा विभाग का शिरोमणि रागी पुरस्कार और पंजाबी यूनिवर्सिटी की गुरमत संगीत सीनियर फैलोशिप अवॉर्ड हासिल करने का भी गौरव प्राप्त है। उनको 9 अक्टूबर, 2011 को लंदन (यू.के.) में सिख लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था, और यूनाइटेड किंगडम में सिख डायरेक्टरी द्वारा शीर्ष के 100 ग्लोबल सिखों में भी नामज़द किया गया था।
प्रोफ़ेसर साहिब की पाँच किताबें भी हैं, जिनकी कुल 40 हज़ार प्रतियाँ हैं, जोकि शिरोमणि कमेटी द्वारा प्रकाशित ‘गुरमत संगीत’ पर आधारित हैं, जब कि उनकी दो अन्य पुस्तकें प्रकाशन अधीन हैं। 3 अप्रैल, 1928 को लाहौर (पाकिस्तान) के गाँव घुंमणके में जन्मे प्रो. करतार सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी, चण्डीगढ़ से संगीत (वोकल और इंस्टरूमेंटल) में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की थी। गुरू नानक गर्लज़ कॉलेज लुधियाना में वह संगीत विभाग के प्रमुख रहे।
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