April 22, 2025

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डीजीपी गौरव यादव ने फरीदकोट में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन और मोगा में स्मार्ट पुलिस कंट्रोल रूम का किया उद्घाटन

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जालंधर ब्रीज: पुलिस बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए, डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने राज्य में चल रही नशा विरोधी ‘युद्ध नशों विरुद्ध” मुहिम की समीक्षा करने के लिए आज फरीदकोट और मोगा का दौरा किया और इस दौरान दोनों जिलों में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

डीजीपी ने फरीदकोट में तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया है जिसमें अति-आधुनिक साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, हाई-टेक उपकरणों से लैस कॉन्फ्रेंस हॉल और 250 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाला एक ब्रीफिंग हॉल शामिल है, जबकि मोगा जिले में भविष्योन्मुखी स्मार्ट पुलिस कंट्रोल रूम का उद्घाटन किया गया है। इस मौके पर डीजीपी के साथ डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीआईजी) फरीदकोट रेंज अश्वनी कपूर भी मौजूद थे।

फरीदकोट में मीडिया से बातचीत करते हुए डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि उन्नत डिजिटल फॉरेंसिक उपकरणों से लैस इस साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी, पहचान चोरी (आइडेंटिटी थेफ्ट) और साइबर धोखाधड़ी से निपटने के लिए स्थापित किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि फरीदकोट पुलिस द्वारा पहले ही 260 खोए हुए मोबाइल फोन मालिकों को वापस किए गए हैं और साइबर धोखाधड़ी पीड़ितों को 90 लाख रुपये वापस कर चुकी है।
 युद्ध नशों विरुद्ध मुहिम को बड़े पैमाने पर सफल बनाने के लिए फरीदकोट पुलिस के असाधारण प्रयासों की सराहना करते हुए, डीजीपी ने कहा कि फरीदकोट पुलिस ने जनता के सहयोग से कुशल फॉलो-अप सिस्टम विकसित किया है और 1 मार्च, 2025 को इस विशेष मुहिम की शुरुआत के बाद 300 से अधिक नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है। फरीदकोट वह जिला है जहां पंजाब सरकार की सेफ पंजाब एंटी-ड्रग हेल्पलाइन ‘9779100200’ के माध्यम से प्राप्त सूचनाओं पर कार्रवाई करते हुए सबसे अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं।

फरीदकोट पुलिस द्वारा आयोजित ‘वड्डा खाना’ (दोपहर का भोजन) के दौरान डीजीपी शामिल हुए, जहां सभी रैंकों के अधिकारियों को पुलिस बल के मुखिया के साथ बातचीत करने और विचार साझा करने का मौका मिला, जिससे क्षेत्र में प्रभावशाली टीम वर्क के लिए आवश्यक संबंध मजबूत हुए।

सीनियर सुपरडेंडेंट ऑफ पुलिस (एसएसपी) फरीदकोट डॉ. प्रज्ञा जैन ने डीजीपी को बताया कि ‘ युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम के तहत फरीदकोट पुलिस ने 150 एफआईआर दर्ज करके 300 से अधिक नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है और 4.7 किलो हेरोइन, 3 किलो अफीम, 130 किलो भुक्की, 3.83 लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद की है। उन्होंने आगे कहा कि एनडीपीएस की धारा 68 एफ के तहत 5 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति फ्रीज की गई है जिससे जिला फरीदकोट में ड्रग नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।

डीजीपी ने “युद्ध नशों विरुद्ध” के तहत जनसंपर्क के दौरान फरीदकोट के निवासियों से भी बातचीत की और नशों के विरुद्ध लड़ाई में उनके सहयोग की मांग की।

मोगा में, डीजीपी गौरव यादव ने स्मार्ट पुलिस कंट्रोल रूम का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह सुविधा अति-आधुनिक निगरानी प्रणालियों और उन्नत निगरानी तकनीकों से लैस है, जो अपराध रोकथाम में वृद्धि करेगी, संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी करेगी और आपराधिक तत्वों को प्रभावशाली ढंग से ढूंढने में सहायता करेगी।

उन्होंने कहा कि मोगा पुलिस द्वारा मोगा शहर, बाघापुराना और धर्मकोट में 140 निगरानी कैमरे – जिनमें 107 बुलेट कैमरे और 33 ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान करने वाले कैमरे शामिल हैं – लगाए गए हैं। ये कैमरे ए.आई.-समर्थ हैं, जो अंतर-जिला चौकियों की भी निगरानी करेंगे।

उन्होंने निहाल सिंह वाला, बाघापुराना और धर्मकोट सब-डिवीजनों में 100 और सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी ऐलान किया।

डीजीपी ने जिला मोगा में एसएचओ और डीएसपी/एसपी के रूप में तैनात पुलिस अधिकारियों से भी बातचीत की है और कार्यान्वयन और रोकथाम रणनीतियों में सुधार के लिए उनके सुझाव लेकर पंजाब सरकार की  युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम की प्रगति की समीक्षा की।
एसएसपी मोगा अजय गांधी ने जिले में 100 और सीसीटीवी कैमरे लगाने का ऐलान करने के लिए डीजीपी का धन्यवाद करते हुए कहा कि ये कैमरे नशों के हॉटस्पॉटों और अंतर-जिला सड़कों पर केंद्रित किए जाएंगे ताकि सड़क अपराध को रोका जा सके और नशा तस्करों पर तीखी नजर रखी जा सके।

‘ युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम के नतीजे साझा करते हुए, एसएसपी ने कहा कि मोगा पुलिस ने 282 नशा तस्करों को 6.2 किलो हेरोइन, 148 किलो भुक्की, 12 लाख नशीली गोलियों और 3.11 लाख रुपये की ड्रग मनी समेत गिरफ्तार करने के बाद 171 एफआईआर दर्ज की हैं।

उल्लेखनीय है कि डीजीपी ने फरीदकोट और मोगा पुलिस के बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को डीजीपी प्रशंसा डिस्क और प्रशंसा पत्रों से सम्मानित भी किया ताकि उन्हें अपनी ड्यूटी को और प्रभावशाली ढंग से निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।


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