जालंधर ब्रीज: डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने कहा कि किसान अपनी उपज को प्रोसेसिंग के माध्यम से बाजार में बेच कर ग्राहकों को जहां अच्छी क्वालिटी मुहैया करवा सकते है वहीं अपनी उपज का अच्छा मूल्य भी प्राप्त कर सकते हैं। वे आज जिले के ब्लाक भूंगा के गांव घुगियाल में स्थित फार्मस प्रोड्यूज प्रमोशन सोसायटी(फैप्रो) में लगाए गए हाईजैनिक व साइंटिफिक तरीके से बनने वाले गुढ़-शक्कर प्रोसैसिंग यूनिट के उद्घाटन के मौके पर इलाके के समूह किसानों को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान उनके साथ मुख्य कृषि अधिकारी डा. गुरदेव सिंह, कृषि विज्ञान केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर मनिंदर सिंह बौंस, पंजाब स्टेट कौंसिल फार साइंस एंड टेक्नालाजी के वैज्ञानिक अखिल शर्मा भी विशेष तौर पर मौजूद थे। डिप्टी कमिश्नर नेे कहा कि इस तरह के प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना किसानों को नई दिशा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि इस यूनिट की स्थापना से उपभोक्ताओं को जहां हाईजैनिक व साइंटिफिक तरीके से तैयार किया गया मानक गुढ़-शक्कर मिलेगा वहीं किसानों को भी उनकी उपज का अच्छा लाभ प्राप्त होगा।
इस दौरान उन्होंने कहा कि किसान फसली चक्र से निकल कर फसली विभिन्नता को अपना कर आर्थिक रुप से और मजबूत हो सकते हैं। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि पंजाब स्टेट कौंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नालाजी व इंडियन कौंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नालाजी के सहयोग से 75 लाख रुपए की लागत से बना यह प्रोसेसिंग यूनिट ग्राहकों को क्वालिटी व किसानों को अपनी उपज आप प्रोसेस कर इलाके में अपनी एक पहचान बनाने में भी सहायक सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि फैप्रो जैसे यूनिट किसानों को आत्म निर्भर बनने के साथ-साथ प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रेरित करते हैं, जो कि समय की मांग है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में उपभोक्ता क्वालिटी को लेकर विशेष जागरुक है। उन्होंने कहा कि आज के कृषि युग में किसानों को ग्रुपों, सोसायटियां बना कर कृषि करनी चाहिए। अगर किसान समूह में कृषि करता है तो उसको कृषि में फायदा होता है। उन्होंने इस मौके पर किसानों को अपील करते हुए कहा कि वे इस यूनिट का अधिक से अधिक लाभ लें।
कोमल मित्तल ने कहा कि जिला होशियारपुर फसली विभिन्नता में एक अग्रणी जिला है। उन्होंने किसानों को अपील करते हुए कहा कि वे फसली विभिन्नता में अपना भरपूर योगदान दें और आने वाले खरीफ के सीजन के दौरान धान का रकबा कम कर मक्की, बासमती को बढ़ाने की कोशिश करें। इसके अलावा इलाके में पुराने समय के दौरान कपास की काश्त भी की जाती थी, इस संबंधी भी मौसम व लाभ की अनुकूलता देखते हुए नरमे को भी ट्रायल के अंतर्गत शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार व कृषि विभाग की ओर से किसानों को अलग-अलग स्कीमों के अंतर्गत मशीनी मुहैया करवाई जा रही है।
इसका भरपूर लाभ लेते हुए मशीनरी के माध्यम से पराली की योग्य संभाल का प्रयोग करते हुए वर्ष 2023 में अपने जिले को पराली प्रबंधन में प्रदेश का अग्रणी जिला बनाए। इस दौरान डिप्टी कमिश्नर ने जहां फैप्रो के पूरे यूूनिट का दौरा किया वहीं स्वंय सहायता ग्रुपों की ओर से बनाए गए उत्पादों के स्टालों को भी चैक किया।गौरतलब है कि फैप्रो पहले से ही हल्दी, बेसन, शहद व दालों का प्रोसेसिंग यूनिट लगा है। इस मौके पर फैप्रो के अध्यक्ष जसबीर सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जसवंत सिंह चौटाला, उपाध्यक्ष योगराज, मैनेजर सुखजिंदर सिंह, नायब तहसीलदार लवदीप सिंह धूत, सहायक डायरेक्टर डा. जसपाल सिंह, चमन लाल वशिष्ठ के अलावा अन्य गणमान्य भी मौजूद थे।
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