जालंधर ब्रीज: मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों अनुसार पंजाब पुलिस की तरफ से नशों के विरुद्ध शुरू की घेराबन्दी और तलाशी मुहिम के चलते फ़तेहगढ़ साहिब पुलिस ने आज स्कूली बच्चों को नशों और इसके बुरे प्रभावों के बारे जागरूक करने के लिए विशेष मुहिम की शुरुआत की। घेराबन्दी और तलाशी मुहिम के पाँचवे दिन, डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के दिशा-निर्देशों पर रोपड़ रेंज के दो जिलों एसएएस नगर और फ़तेहगढ़ साहिब में यह मुहिम चलाई गई।
यह मुहिम इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस (आईजीपी) रोपड़ रेंज गुरप्रीत सिंह भुल्लर की समूची निगरानी अधीन चलाई गई और एसएसपी सन्दीप गर्ग (एस. ए. एस. नगर) और एसएसपी डा. रवजोत कौर ग्रेवाल ( फ़तेहगढ़ साहिब) को भारी पुलिस फोर्स तैनात करके सुनियोजित ढंग से योजना बनाने के लिए कहा गया था। स्पेशल डीजीपी लॉ एंड आर्डर अर्पित शुक्ला ने फ़तेहगढ़ साहिब पुलिस की तरफ से इस विलक्षण मुहिम को शुरू करने की सराहना करते हुये कहा कि यह मुहिम स्कूली बच्चों को नशों के बुरे प्रभावों के बारे जागरूक करने में सहायक होगी जिससे उनको नशों का शिकार होने से बचाया जा सकेगा।
स्कूली बच्चों को नशों के विरुद्ध लड़ाई के लिए जागरूक करने का विचार एसएसपी फतेहगढ़ साहिब डा. रवजोत कौर ग्रेवाल का था। उन्होंने कहा कि पुलिस को लगातार लोगों का सहयोग मिल रहा है क्योंकि एस. ए. एस. नगर जिले के 14 गाँवों ने नशा बेचने वालों का सामाजिक बाइकाट करने और अपने गाँवों को नशा मुक्त बनाने के लिए प्रस्ताव पास किये हैं। इससे पहले संगरूर जिले के कम से कम 67 गाँवों और 20 वार्डों ने भी ऐसे प्रस्ताव पास किये थे, जबकि ज़िला श्री मुक्तसर साहिब के नशों के लिए बदनाम दो इलाकों गाँव मिड्डा और मलोट के मोहल्ला छज्जूघर के निवासियों ने नशों से दूर रहने का प्रण लिया था।
आज की कार्यवाही के नतीजों के बारे बताते हुये विशेष डीजीपी ने कहा कि पुलिस टीमों ने 13 एफआईआरज़ दर्ज करके 12 समाज विरोधी तत्वों को गिरफ़्तार किया है। पुलिस टीमों ने इनके कब्ज़े में से 2.5 लाख रुपए की ड्रग मनी, 40 ग्राम हेरोइन, 12 किलो गाँजा, 2 किलो सुलफ़ा और 1 किलो भुक्की भी बरामद की है। यह मुहिम स्पेशल टास्क फोर्स के सहयोग के साथ चलाई गई।
इस दौरान आईजीपी गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने एसएसपी डा. रवजोत कौर ग्रेवाल के साथ फतेहगढ़ साहिब के सरकारी मिडल स्कूल महद्दियां से स्कूली विद्यार्थियों के साथ बातचीत करके मुहिम की शुरुआत की। डा. रवजोत ने कहा कि जब स्कूली बच्चों को उचित ढंग से जागरूक किया जाता है तो वह नशों के विरुद्ध लड़ाई में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इससे बच्चे न सिर्फ़ ख़तरनाक नशीले पदार्थ के प्रयोग को न कहना सिखते हैं, बल्कि यदि उनको अपने आसपास ऐसी किसी घटना के बारे पता लगता है तो उनको अपने अध्यापकों और काउंसलिंग ग्रुपों के साथ इस संबंधी जानकारी देने के लिए भी उत्साहित किया जाता है।
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