जालंधर ब्रीज: पंजाब में भारी बारिश के उपरांत वैकटर बोर्न बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा की अध्यक्षता अधीन एस. टी. एफ की मीटिंग हुई। स्वास्थ्य मंत्री ने डेंगू के बढ़ रहे खतरे से निपटने के लिए अलग-अलग विभागों की तरफ से जा रही गतिविधियों का जायज़ा लिया और विभागों को हिदायत की कि राज्यय के लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया को कंट्रोल करने के लिए सांझे तौर पर प्रयास किये जाएँ। उन्होंने स्थानीय निकाय विभाग और पंजाब राज्यय ग्रामीण विकास के अधिकारियों को डेंगू और मलेरिया को कंट्रोल करने के लिए की जाने वाली गतिविधियों को और मज़बूत करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय निकाय विभाग और पंजाब राज्य ग्रामीण विकास के अधिकारियों को डेंगू और मलेरिया को कंट्रोल करने के लिए की जाने वाली गतिविधियों को और मज़बूत करने के निर्देश भी दिए।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि डेंगू पंजाब में एक नोटीफाईड बीमारी है और विभाग की तरफ से राज्य भर के प्राईवेट अस्पतालों और लैबोरेटरियों में डेंगू के टैस्ट की कीमत 600 रुपए रखी गई है जिससे लोग इस सेवा का वाजिब कीमतों पर लाभ उठा सकें। उन्होंने बताया कि 29.9.2022 तक 2113 पुष्टि किये केस सामने आए हैं और जिन जिलों में डेंगू के सबसे ज़्यादा केस रिपोर्ट किये गए हैं उनमें रूपनगर (390), एसएएस नगर (436), फतेहगढ़ साहिब ( 206), फ़िरोज़पुर ( 150) और ऐसबीऐस नगर ( 153) शामिल हैं।
डेंगू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों के बारे स. जौड़ामाजरा ने बताया कि डेंगू के मामलों के प्रबंधन के लिए सरकारी अस्पतालों में डेंगू वार्डों के लिए 1274 बैडों की व्यवस्था की गई है। राज्य में डेंगू की मुफ़्त जांच के लिए 42 सैंटीनल सरवेलैंस अस्पताल स्थापित किये गए हैं। उन्होंने बताया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एडीज़ मच्छर के लार्वे की जांच के लिए सभी 23 जिलों में 855 ब्रीडिंग चैकरों की सेवाएं ली जा रही हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने स्थानीय निकाय विभाग को हिदायत की कि शहरों और कस्बों में समय-समय पर फौगिंग करवाई जाये। उन्होंने आगे बताया कि राज्य के 4 जिलों में डेंगू के सबसे अधिक केस सामने आए हैं और बाकी क्षेत्रों में स्थिति काबू में है। इसी तरह मलेरिया और चिकनगुनिया के बहुत कम मामले सामने आए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह मच्छरों की पैदावार को रोकने के लिए अपने घरों और आसपास पानी खड़ा न होने दें। उन्होंने लोगों को डेंगू और मलेरिया के किसी भी लक्षण की सूरत में तुरंत सरकारी अस्पतालों में जाकर टैस्ट करवाने के लिए भी कहा। यह टैस्ट सरकारी अस्पतालों में मुफ़्त उपलब्ध हैं।
और जानकारी देते हुये मंत्री ने बताया कि शिक्षा विभाग की तरफ से इस कार्य में बच्चों को शामिल करने के लिए एक विशेष जागरूकता मुहिम शुरू की जायेगी। इसलिए स्कूलों में विशेष कैंप लगा कर उनको अलग-अलग वैकटर बोर्न बीमारियों से बचने के लिए रोकथाम के कदमों के बारे जागरूक किया जायेगा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जागरूकता मुहिम में ग़ैर सरकारी संस्थाओं को शामिल करने के आदेश भी दिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग के अधिकारियों को हिदायत की कि राज्य में कहीं भी सिवरेज प्रणाली की ख़राबी को तुरंत ठीक किया जाये जिससे पानी से होने वाली बीमारियों को रोका जा सके।
इस मौके पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव अजोए शर्मा ने मंत्री को डेंगू से बचाव के प्रयासों संबंधी अवगत करवाया और विभाग के अधिकारियों को डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से निपटने के लिए लगातार मुहिम चलाने के साथ-साथ सम्बन्धित नोडल अफ़सरों के वटसऐप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए जिससे इसकी प्रगति पर नज़र रखी जा सके।
इस मौके पर प्रोग्राम अफ़सर डा. अरशदीप कौर की तरफ से इन बीमारियों के बारे एक व्यापक पेशकारी दी गई, जिसमें पिछले सालों के तथ्यों का गहराई से विश्लेषण किया गया।
इस मौके पर दूसरों के इलावा चेयरमैन पंजाब हैल्थ सिस्टम कारपोरेशन रमन बहल, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अजोए शर्मा, सचिव मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान अलकनन्दा दयाल, मिशन डायरैक्टर एनएचएम अभिनव त्रिखा, ऐमडी, पीऐचऐससी नीलिमा, डायरैक्टर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डा. रणजीत सिंह घोतड़ा, डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं ( परिवार कल्याण) डा. रविन्दरपाल कौर, सीनियर रीजनल डायरैक्टर डा. अमरजीत कौर, प्रोग्राम अफ़सर एन. वी. बी. डी. सी. पी डा. अरशदीप कौर और ग्रामीण विकास एवं पंचायत, स्टेट ट्रांसपोर्ट, मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान, स्कूल शिक्षा, श्रम, जल सप्लाई और सेनिटेशन के अधिकारी और इंडियन मैडीकल एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल थे।
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