November 10, 2024

Jalandhar Breeze

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मुख्यमंत्री ने आई.आई.एम, अहमदाबाद से विशेष प्रशिक्षण लेने के लिए हैड्मास्टरों के बैच को हरी झंडी दिखा कर किया रवाना

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जालंधर ब्रीज:  शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के उदेश्य से एक अन्य अहम पहलकदमी करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट ( आई.आई.एम.), अहमदाबाद से विशेष प्रशिक्षण लेने के लिए हैडमास्टरों के पहले बैच को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 

हैड्मास्टरों के बैच को हरी झंडी दिखा कर रवाना करने के पश्चात पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन राज्य के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जहां प्रिंसीपलों का प्रतिनिधी मंडल सिंगापुर से प्रशिक्षण ले कर वापस आ रहा है, वही यह बैच अपनी महारत को और बढिया बनाने के लिए अहमदाबाद जा रहा है। भगवंत मान ने कहा कि इसका एक ही उद्देश्य राज्य के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मानक शिक्षा प्रदान करना है जिससे वह विश्व भर में कान्वेंट स्कूलों में पढ़े-लिखे विद्यार्थियों का मुकाबला कर सकें। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह अच्छे प्रशिक्षक बढिय़ा खिलाड़ी पैदा करते है, उसी तरह एक अनुभवी अध्यापक आने वाले भविष्य के लिए योग्य विद्यार्थियों को तैयार करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र के लिए राज्य सरकार के पास फंड की कोई कमी नहीं है और विद्यार्थियों को मानक शिक्षा मुहैया करवाने के लिए हर संभव यत्न किया जाएगा। भगवंत मान ने आशा व्यक्त की कि राज्य सरकार के अथक प्रयत्नों से वह दिन दूर नहीं, जब पंजाब देश भर में मानक शिक्षा प्रदान करने के तौर पर उभरेगा ।

पिछली सरकारों को निशाने पर लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने नेता सत्ता में आने के बाद लोगों में जाना भी पसंद नहीं करते थे। भगवंत मान ने कहा कि इसके विपरीत वह समाज के हर वर्ग की भलाई को यकीनी बनाने के लिए रोज़ाना किसी न किसी समागम में शामिल होते है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग की भलाई को यकीनी बनाने के लिए वचनबद्ध है और इस नेक कार्य के लिए कोई कमी बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पद संभालने के बाद सभी कानूनी और प्रशासकीय बाधाओं को दूर करते 12710 अध्यापकों की सेवाओं को रेगुलर करना हमेशा एजंडे पर रखा था। भगवंत मान ने कहा कि इसका उद्धेश्य अध्यापकों के सुरक्षित भविष्य को यकीनी बनाना है क्योंकि उनका दृढ़ विश्वास है कि यदि अध्यापकों का भविष्य सुरक्षित है तो ही वह विद्यार्थियों की किस्मत को बदल सकते है। उन्होंने कहा कि हर कर्मचारी की जायज समस्या को हल किया जाएगा जिसके लिए राज्य सरकार पहले ही हर संभव प्रयत्न कर रही है। 

विरोधी पक्ष की तरफ से तर्कहीन और बेबुनियाद टिप्पणियां करके लोगों को गुमराह करने की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रिकार्ड पर मौजूद है कि अब से इन अध्यापकों के साथ जुड़ा कच्चा शब्द हमेशा के लिए हट जाएगा। उन्होंने कहा कि इन अध्यापकों को हर साल 5 प्रतिशत इंकरीमैंट के साथ छुट्टियां सहित अन्य लाभ भी दिए जाएंगे। भगवंत मान ने कहा कि विरोधी पक्ष ने अपने कार्यकाल दौरान लंबे समय से इन अध्यापकों की भावनाओं के साथ खिलवाड कर उनको मूर्ख बनाया है, इसलिए उनको इस मुद्दे पर कुछ भी कहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। 

एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्य मंत्री ने कहा कि खेल के क्षेत्र में राज्य की पुरनी  शान को बहाल करने और राज्य में खेल गतिविधियों को बढावा देने के लिए मंत्रीमंडल ने नई खेल नीति- 2023 को मंजूरी दे दी है जिसमें गांव स्तर से ले कर खिलाडिय़ों के लिए नौकरियाँ, प्रशिक्षण, अलग-अलग लाभ और मज़बूत बुनियादी ढांचा प्रदान करने का विशेष ख़्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शारीरिक शिक्षा के अध्यापकों की भर्ती करके खेल सभ्याचार को फिर प्रफुल्लित किया जाएगा, जिससे विद्यार्थी खेल में प्राप्तियां पा सकें। भगवंत मान ने कहा कि नई खेल नीति में खिलाडिय़ों को मज़बूत बुनियादी ढांचा, कोचिंग और सुविधाएं प्रदान करने के इलावा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल मुकाबलों में मैडल जीतने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने पर भी ज़ोर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबा सरकार ने पहले ही उद्योग नीति, इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति, कृषि नीति और अब खेल नीति लाई है। उन्होंने कहा कि इसका एक ही मंतव्य यह यकीनी बनाना है कि सूबा हर क्षेत्र में सफलता की नई कहानी लिखे जिससे सूबे को फिर ‘रंगला पंजाब’ बनाया जा सके। भगवंत मान ने कहा कि समाज के हर वर्ग के लिए नीतियां बनाईं जा रही हैं जिससे सूबे के सर्वपक्षीय विकास और लोगों की खुशहाली को यकीनी बनाया जा सके। 

सूबे में बाढ़ से हुए नुक्सान पर चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबा सरकार लोगों के एक-एक पैसेे के नुक्सान का मुआवज़ा देगी। भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने सूबे में भारी बारिश के कारण फसलों, घरों, पशूओं और अन्य  नुक्सान का पता लगाने के लिए पहले ही विशेष गिरदावरी के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आधिकारियों को 15 अगस्त तक विशेष गिरदावरी पूरी करने के लिए कहा गया है जिससे लोगों के नुक्सान की भरपाई की जा सके। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबे के इतिहास में पहली बार प्राकृतिक आपदा की स्थिति में फसलों के नुक्सान के कारण खेत मज़दूरों को राहत देने के लिए नीति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण फसलों के नुक्सान की भरपाई के लिए डिप्टी कमिशनरें को राहत राशि जारी की जाती है, इस लिए नीति अनुसार उपरोक्त राहत राशि का 10 प्रतिशत अतिरिक्त राशि उनको सूबे के बजट में से प्रदान की जायेगी जिससे खेत मज़दूरों को मुआवज़ा दिया जा सके। भगवंत मान ने कहा कि यह नीति 1 मई, 2023 से लागू होगी और सभी खेत मज़दूर परिवार जिनके पास कोई ज़मीन नहीं है (रिहायशी प्लाट को छोडक़र) या जिनके पास एक एकड़ से कम ज़मीन ( लीज/ ठेके/ काश्त वाली) है, वह इस अधीन योग्य होंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि ड्रोनों का प्रयोग अब सीमा पार से हथियारों/हेरोइन/विस्फोटक ों की तस्करी के लिए किया जा रहा है। भगवंत मान ने कहा कि वह पहले केंद्र सरकार को ड्रोनों की रजिस्ट्रेशन को लाजि़मी बनाने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वाहनों की रजिस्ट्रेशन की तरह इसको भी आवश्यक बनाया जाये जिससे इनके द्वारा हो रही नशा तस्करी को रोका जा सके। 

पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के बयान पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने भाजपा नेता को याद दिलाया कि अदाकारी उनका पेशा है जिसने उनको लोगों में लोकप्रिय बनाया है। उन्होंने कहा कि जब वह अपने केरियर के पीक पर थे  सूबे की सेवा के लिए पी.पी.पी. में शामिल हुए थे तो मनप्रीत ने उनकी एक ‘महान शख्सियत’के तौर पर प्रशंसा की थी भगवंत मान ने व्यंग्य करते हुए कहा कि आज जब पूर्व वित्त मंत्री को उनके मौकाप्रस्त पैंतरों के कारण लोगों ने नकार दिया है तो अब वह, उनमें खामियां निकाल रहे हैं। 

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि वह पूर्व मंत्री के अपना वाहन ख़ुद चलाने और टोल टैकस अदा करने की चालों से अच्छी तरह जानकार हैं जबकि वास्तव में उन्होंने जनता के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह वह बेशर्म लोग हैं, जिन्होंने सूबो के खजाने की बेतहाशा लूट की है, जिसके चलते लोगों ने इन को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया। भगवंत मान ने कहा कि इन नेताओं द्वारा किये गए गुनाहों के प्रति जवाबदेह बनाते हुए एक-एक पैसो का हिसाब लिया जायेगा। 

इस मौके मुख्यमंत्री के साथ शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस, विधायक कुलवंत सिंह और कुलजीत सिंह रंधावा के इलावा अन्य भी उपस्थित थे।


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