जालंधर ब्रीज: कोविड-19 महामारी की मौजूदा स्थिति में करदाताओं को मदद करने के उद्देश्य से लंबित पड़े आयकर रिफंड को जारी करने के संबंध में 8 अप्रैल, 2020 को जारी प्रेस नोट में निहित सरकार के फैसले के अनुपालन में आयकर विभाग ने 8 अप्रैल से 30 जून,2020 तक प्रति मिनट 76 मामलों की गति से रिफंड जारी किए हैं। इस अवधि के दौरान केवल 56 कार्य दिवसों में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 20.44 लाख से अधिक मामलों का निपटारा करते हुए 62,361 करोड़ रुपये से अधिक का आयकर रिफंड जारी किया।
यह कहा गया है कि देश के करदाता आयकर विभाग के इस पहलू का अनुभव कर रहे हैं जो न केवल करदाता के अनुकूल है,बल्कि यह कोविड-19 महामारी के इस कठिन समय में धन उपलब्ध कराने वाले एक सहायक का भी रूप है। इस अवधि के दौरान करदाताओं को 19,07,853 मामलों में कुल 23,453.57 करोड़ रुपये आयकर रिफंड और 1,36,744 मामलों में कुल 38,908.37 करोड़ रुपये कॉर्पोरेट कर रिफंड जारी किए गए। इस पैमाने पर और इतनी बड़ी संख्या में रिफंड पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी किए गए हैं और सीधे करदाताओं के बैंक खातों में जमा किए गए हैं। रिफंड मामलों में कुछ साल पहले तक जो हुआ करता था,उसके विपरीत,इन रिफंड मामलों में किसी भी करदाता को रिफंड जारी करने के संबंध में अनुरोध करने के लिए विभाग से संपर्क नहीं करना पड़ा। उन्हें सीधे उनके बैंक खातों में रिफंड भेज दिया गया।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बार फिर दोहराते हुए कहा कि करदाताओं को विभाग के भेजे ईमेल का तत्काल जवाब देना चाहिए ताकि उनके मामलों में भी रिफंड की प्रक्रिया जल्द पूरी की जा सके और उसे तुरंत जारी किया जा सके। आयकर विभाग इस तरह के ई-मेल के जरिए रिफंड जारी करने से पहले करदाताओं से उनकी बकाया मांग,उनके बैंक खाते की संख्या और किसी प्रकार के दोष/बेमेल के मिलान की पुष्टि करता है। ऐसे सभी मामलों मेंकरदाताओं के त्वरित जवाब आयकर विभाग को उनके रिफंड की प्रक्रिया में तेजी लाने में सक्षम बनाते हैं।
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