January 20, 2025

Jalandhar Breeze

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पंजाब में नये एक्ट के अंतर्गत म्यूंसिपल और ट्रस्ट प्रॉपर्टियों का प्रबंधन और निपटारा हुआ आसान

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जालंधर ब्रीज:पंजाब में हाल ही में पास किया गया ‘द पंजाब मैनेजमेंट एंड ट्रांसफर ऑफ म्यूंसिपल प्रॉपर्टी एक्ट, 2020’ म्यूंसिपल और इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट की संपत्तियों के प्रबंधन और निपटारे को आसान बनाएगा।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की दूरर्शी सोच के अंतर्गत तैयार हुआ यह कानून राज्य के म्यूंसिपल कस्बों और शहरों में बुनियादी नागरिक सेवाओं को टिकाऊ और सभी पक्षों को शामिल करने के उद्देश्य से बनाया गया है।विधानसभा के पिछले सैशन के दौरान पास किया गया यह एक्ट नगर निगम और ट्रस्ट की संपत्तियों के प्रबंधन और निपटारे के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है और जिसमें नगर निगम की संपत्तियों की सही पहचान, सर्वेक्षण और विवरण रखने को यकीनी बनाने के प्रबंध शामिल हैं।इस सम्बन्धी विवरण देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि यह कानून व्यापारिक म्यूंसिपल संपत्तियों की नीलामी और रिहायशी संपत्तियों को आवंटन/ड्रॉ के द्वारा हस्तांतरित करने की व्यवस्था प्रदान करेगा और इस प्रक्रिया में और ज्यादा पारदर्शिता लाएगा।प्रवक्ता ने आगे बताया कि नया एक्ट स्थानीय निकाय को नगर निगम की संपत्तियों के मालिकाना अधिकार पुराने कब्ज़ाकारों को सौंपने में सहायक होगा। यह एक्ट उन लोगों को निर्धारित रेटों पर ऐसे अधिकारों को हस्तांतरित करने के लिए कानूनी ढांचा मुहैया करवाता है जो 12 सालों या इससे अधिक समय से ऐसी संपत्तियों पर काबिज़ हैं।आर्थिक तौर पर कमज़ोर वर्ग (ई.डबल्यू.एस) जिनकी सालाना आय 3 लाख रुपए से कम है, के लिए यह दर कुलैक्टर रेट के 12.5 प्रतिशत पर निर्धारित की गई है। कम आय वाले समूहों (एल.आई.जी) जिनकी सालाना आय 3 लाख रुपए से अधिक है परन्तु 8 लाख रुपए से कम है, के लिए कब्ज़ाकारों को मालिकाना अधिकार हस्तांतरित कुलैक्टर रेट के 25 प्रतिशत की दर के हिसाब से होगा।मध्यम आय वाले समूहों (एम.आई.जी.) के लिए, जिनकी सालाना आय 8 लाख रुपए से अधिक है परन्तु 15 लाख रुपए से कम है, के लिए उक्त दर कुलैक्टर रेट का 50 प्रतिशत होगा जबकि उच्च आय वाले समूहों (एच.आई.जी.) जिनकी सालाना आय 15 लाख रुपए से अधिक है, के लिए मालिकाना अधिकारों का हस्तांतरण कुलैक्टर रेट पर होगा।प्रवक्ता ने बताया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार द्वारा हर स्तर पर पारदर्शिता को यकीनी बनाने के मद्देनजऱ बनाए गए इस नये कानून में दरों को स्पष्ट तौर पर परिभाषित किया गया है जिससे मालिकाना अधिकारों को हस्तांतरित करने में अस्पष्टता की कोई गुंजाईश नहीं है।—————-


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