November 23, 2024

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राष्ट्रपति ने पंजाब से डॉ. रतन सिंह जग्गी को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया

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जालंधर ब्रीज: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज यहां पंजाब से डॉ. रतन सिंह जग्गी को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया।

पुरस्कार प्राप्त करने वाले के जीवन और कार्यों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है –

  1. डॉ. रतन सिंह जग्गी को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है डॉ.रतनसिंहजग्गीपंजाबीऔरहिंदीसाहित्यकेएकप्रख्यातविद्वानहैंतथागुरमतऔरभक्तिआंदोलनसाहित्यउनकेलेखनकीप्रमुखविशेषताहै।

2. ​27 जुलाई, 1927 कोजन्मे, डॉ.जग्गीनेअपनेजीवनके 60 सेअधिकवर्षमध्ययुगीनसाहित्यकीसेवाकेप्रतिसमर्पितकिएहैं। वह 1987 मेंपंजाबीविश्वविद्यालय, पटियालाकेपंजाबीसाहित्यअध्ययनविभागकेप्रोफेसरऔरअध्‍यक्षकेरूपमेंसेवानिवृत्तहुए। उनकीसाहित्यिककृतियोंमेंपुस्‍तकें, टीकाएंऔरविश्वकोशशामिलहैं। 95 वर्षकीआयुमेंभीवहअपनासाहित्यिककार्यअथकऔरअनवरतरूपसेजारीरखेहुएहैं।

3.​ डॉ.जग्गीने 1962 में “दशमग्रंथमेंपौराणिकरचनाओंकामहत्वपूर्णअध्ययन” केलिएपीएच.डीकीडिग्रीप्राप्तकीऔर 1973 मेंउन्‍हें “गुरुनानक: उनकाव्यक्तित्व, कार्यऔरशिक्षाएं” विषयपरडी.लिटसेसम्मानितकियागया। 2000 में, उन्होंनेपांचखंडोंमेंदशमग्रंथकीविद्वतापूर्णटीकालिखी। उन्हेंदशमग्रंथकाविद्वानमानाजाताहैऔरउनकीकृतियोंकोप्रमुखसाहित्यिकहस्तियोंकीअपारप्रशंसाप्राप्‍तहुईहै। समाजमेंअपनेसाहित्यिकयोगदानकोजारीरखतेहुए, उन्होंनेश्रीगुरुनानकदेवजीपरकईपुस्‍तकेंलिखींऔर 550वें प्रकाशपर्वसमारोहकेदौरानपंजाबसरकारनेपंजाबीऔरहिंदीमेंउनकेद्वारालिखी”गुरुनानकबानी: पाठअतेव्याख्या”प्रकाशितकी। उन्होंनेगुरुनानकबानीपरएकपुस्‍तक, जिसकानाम”गुरुनानक: जीवनीअतेव्यक्तित्व”औरदूसरीपुस्तक”गुरुनानकदीविचारधारा”भीप्रकाशितकी। इनदोनोंपुस्‍तकोंकोभाषाविभाग, पंजाबद्वारासम्मानितकियागयाथा। उनकासबसेउल्‍लेखनीयकार्यपवित्रमहाकाव्‍य”तुलसीरामायण” (रामचरितमानस)कापंजाबीमेंलिप्यंतरणऔरअनुवादहै। इसपुस्तक को1989 मेंसाहित्यअकादमीद्वाराराष्ट्रीयपुरस्कारसेसम्मानितकियागयाथा। उन्होंने 1994 मेंपंजाबीसाहित्यकासंदर्भशब्दकोशतैयारकिया। उन्होंनेपंजाबीसाहित्यकाइतिहासकेपांचखंडभीतैयारकिए।

4.​डॉ. जग्गीने 2002 में”गुरुग्रंथविश्वकोश”और 2005 मेंसिखधर्मकाविश्वकोशऔर 2007 में “अर्थबोधश्रीगुरुग्रंथसाहिब” नामकश्रीगुरुग्रंथसाहिबकीपांचखंडोंकीउप-टीकाभीसंकलितकी। 2013 मेंउन्होंनेसिखधर्मकेप्रतिअपनीसबसेबड़ीसेवाकेरूपमें, श्रीगुरुग्रंथसाहिबकी”भावप्रबोधिनीटीका-श्रीगुरुग्रंथसाहिब”नामकविशदटीकालिखी। इसमेंश्रीगुरुग्रंथसाहिबकीविस्तृतव्याख्याशामिलहैऔरयहमानवताकेलिएबहुतअनमोलसिद्धहोरहीहै। वर्ष 2017 मेंउन्होंनेहिंदीमेंभीइसटीकाकेपांचखंडप्रकाशितकिए।

5.​डॉ. जग्गीकोअनेकसम्मानप्रदानकिएगएहैंजिनमेंसाहित्यअकादमी, नईदिल्लीद्वारा 1989 मेंराष्ट्रीय पुरस्कार,1996 में पंजाब सरकार द्वारा सर्वोच्च राज्य पुरस्कार “पंजाबी साहित रतन” शामिलहै। इसके अलावा,आठ बार उनकी पुस्तकों को भाषा विभाग, पंजाब और एक बार 1968 में हरियाणा सरकार द्वारा भी प्रथम पुरस्कार मिला। दिल्ली सरकार के तत्वावधान में पंजाबीअकादमी नेउन्हें 2010 में”परमसाहितसत्कारसम्मान”औरउत्तरप्रदेशसरकारनेउन्हें 1996 में”सौहार्दसम्मान”प्रदानकिया। पंजाबसरकारकीपंजाबकलापरिषदनेउन्हें 2022 मेंपंजाबगौरवसम्मानसेसम्मानितकिया।


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