जालंधर ब्रीज: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने आज इस साल की शुरुआत में स्थापित की गई पंजाब स्टेट पुलिस शिकायत अथॉरिटी-2020 के काम-काज के संचालन नियमों को मंजूरी दे दी है जिससे पुलिस के एस.एस.पी./डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस और इनसे अतिरिक्त रैंकों के पुलिस अधिकारियों के खि़लाफ़ गंभीर किस्म के दोषों की जांच की जा सके।यह जि़क्रयोग्य है कि संशोधित हुए पंजाब पुलिस ऐक्ट-2007 की धारा 54-एफ के अंतर्गत यह निर्धारित किया गया है कि पंजाब पुलिस शिकायत अथॉरिटी राज्य सरकार की मंजूरी से प्रांतीय अथॉरिटी और डिवीजऩल पुलिस शिकायत अथॉरिटी के काम-काज के लिए नियम बनाएगी।
गौरतलब है कि प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार और अन्यों में 22 सितम्बर, 2006 के फ़ैसले के संदर्भ में भारतीय सुप्रीम कोर्ट के हुक्मों केे अनुपालन में 5 फरवरी, 2008 को पंजाब पुलिस ऐक्ट-2007 नोटीफाई किया गया।मूल (असंशोधित) पंजाब पुलिस ऐक्ट-2007 की धारा 54 में दर्ज उपबंध के मुताबिक राज्य सरकार नोटिफिकेशन के द्वारा राज्य और जि़ला स्तर पर पुलिस शिकायत अथॉरिटी का गठन कर सकती है।
राज्य सरकार ने 29 अगस्त, 2014 को नोटिफिकेशन जारी किया और पंजाब पुलिस ऐक्ट-2007 की धारा 54 में संशोधन किया और प्रांतीय एवं डिवीजनल स्तर पर चेयरपर्सन के पद और सदस्यों और उनके कामकाज की शर्तों के साथ गठन करने के लिए उपबंध शामिल कर दिए गए।23 जनवरी, 2020 में कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार ने संशोधित धारा के अंतर्गत राज्य पुलिस शिकायत अथॉरिटी का गठन करके डॉ. एन.एस. कलसी (सेवामुक्त आई.ए.एस.) को चेयरपर्सन नियुक्त किया।
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