
जालंधर ब्रीज: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को जल स्रोत विभाग को नहरों के नवीनीकरण के लिए अन्य क्षेत्रों की पहचान करने की हिदायतें दीं जिससे पानी के रिसाव (सीपेज) को रोक कर पानी जैसी मूल्यवान देन को बचाया जा सके।
तटीय क्षेत्र के 72 उजाड़ ट्यूबवैलों को जल्द ही बदल कर इस क्षेत्र में सिंचाई सहूलतों को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर देते हुये मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव विनी महाजन को इस कार्य के लिए प्राथमिक आधार पर फंड अलाट करने के लिए कहा।
विभाग के कामों की वर्चुअल कान्फ्रेंस के द्वारा समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने विभाग को चल रहे नहरी नवीनीकरण के प्रोजेक्टों में तेजी लाने के लिए कहा जिनमें राजस्थान फीडर (41 किलोमीटर) और सरहिन्द फीडर (45 किलोमीटर) के नवीनीकरण के अलावा बिसत दोआब नहरी प्रणाली और बनूड़ नहरी प्रणाली की बहाली भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इन प्रोजेक्टों में हालाँकि काफी प्रगति हुई है परन्तु बाकी रहता काम तेजी से पूरा किये जाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 473.15 करोड़ रुपए की लागत वाली 33 नयी स्कीमों को 2021-22 के बजट में शामिल किया गया है और जिसका कुल खर्चा 156.48 करोड़ रुपए है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के घट रहे जल स्रोतों के मद्देनजर उनकी सरकार के लिए नवीनीकरण के काम प्राथमिकता रखते हैं।
मुख्यमंत्री को यह जानकारी दी गई कि तटीय नहर पड़ाव-1 की बहाली, लाहौर ब्रांच प्रणाली के नवीनीकरण, बहाली और आधुनीकीकरण और नियमित ढांचों केे नवीनीकरण और आधुनिक रूप देने के अलावा गुरदासपुर और अमृतसर जिलों में अन्य सम्बन्धित काम कुछ हद तक पूरे किये गए हैं जबकि बाकी बचते कामों को मौजूदा और अगले वित्तीय वर्ष में पूरा किया जायेगा।
विभाग की तरफ से मीटिंग को इस पक्ष से भी अवगत करवाया गया कि पंजाब में कुल 14500 किलोमीटर का नहरी नैटवर्क है। इस तरह साल 2021 में तकरीबन 2800 किलोमीटर के साथ ही 40 करोड़ रुपए की लागत से साफ किये जाएंगे और बाढ़ से बचाव सम्बन्धी काम 60 करोड़ रुपए की लागत से 2021 की मौनसून ऋतु से पहले पूरे किये जाएंगे। बुडडे नाले में सरहिन्द नहर के द्वारा नीलों वाली तरफ से 200 क्यूसेक पानी छोड़ने का काम 8.95 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से पूरा किया जा रहा है जिससे बुडडे नाले के प्रदूषण को घटाया जा सके।
इससे पहले मुख्यमंत्री को इस पक्ष से भी अवगत करवाया गया कि मेन शाहपुर तटीय डैम का काम, जोकि जम्मू-कश्मीर सरकार की तरफ से बीते चार वर्षों से स्थगित रखे जाने के बाद शुरू हुआ था, पूरा कर लिया गया है। पावर हाऊस का काम शुरू हो गया है और सिविल काम जून, 2023 तक और बिजली सम्बन्धी काम जुलाई, 2024 तक पूरे कर लिए जाएंगे।
इस प्रोजैक्ट के लिए बिजली पैदा करने का काम अगस्त, 2024 में शुरू होगा जिससे 800 करोड़ रुपए तक का सीधा लाभ मिलेगा (शाहपुर तटीय के बिजली उत्पादन और आर.एस.डी. के शिखर सामर्थ्य से 475 करोड़ रुपए, यू.बी.डी.सी से 144 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बिजली लाभ और यू.बी.डी.सी प्रणाली में सिंचाई को मजबूत करने से 228 करोड़ रुपए)।
मौजूदा समय पंजाब जल स्रोत प्रबंधन और विकास निगम लिमिटेड के अंतर्गत चल रहे प्रोजेक्टों में शामिल हैं-
कोटला ब्रांच भाग -2 प्रणाली पर फील्ड चैनलों का निर्माण जिससे 142658 हेक्टेयर क्षेत्रफल बढ़िया सिंचाई सहूलतों के अंतर्गत आऐगा।
पंजाब के चार जिलों के छह ब्लाकों में वैकल्पिक गहरे 72 ट्यूबवैलों की स्थापना और मजबूतीकरण जिससे 3210 हेक्टेयर क्षेत्रफल को यकीनी तौर पर सिंचाई के अंतर्गत लाया जा सकेगा।
इस वित्तीय वर्ष के दौरान तटीय क्षेत्र के जिलों साहिबजादा अजीत सिंह नगर, रूपनगर, शहीद भगत सिंह नगर, होशियारपुर और पठानकोट के अलग-अलग ब्लाकों में 502 नये गहरे ट्यूबवैलों की सिंचाई के मकसद के लिए स्थापना करके इनको मजबूत करने के प्रोजैक्ट पर भी अमल किया जायेगा जोकि चार वर्षों में पूरा हो जायेगा। इस प्रोजैक्ट के पूरे होने से 21028 हेक्टेयर क्षेत्रफल को स्पष्ट तौर पर सिंचाई अधीन लाने में सफलता मिलेगी।
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