जालंधर ब्रीज: पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला ने आज कहा कि पंजाब सरकार माननीय पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ से लॉकडाऊन /कफ्र्यू के दौरान प्राईवेट स्कूलों की तरफ से फ़ीसें उगाही सम्बन्धी सुनाए गये फ़ैसले को डबल बैंच के पास अपील करेगी।
यहाँ सिविल सचिवालय में अपने कार्यालय में बुलायी प्रैस कान्फ्ऱेंस के दौरान श्री सिंगला ने कहा कि पंजाब सरकार हाई कोर्ट के फ़ैसले का सम्मान करती है परन्तु लॉकडाऊन के दौरान लोगों के काम-काज पर पड़े बुरे प्रभाव और आर्थिक मंदहाली के सम्मुख इस फ़ैसले पर पुनर्विचार के लिए हाई कोर्ट की डबल बैंच के पास अपील दायर की जायेगी। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने अपने फ़ैसले में पंजाब सरकार की पाँच दलीलों को माना है और जिन दलीलों को नहीं माना गया, उन पर पुनर्विचार के लिए हाई कोर्ट की डबल बैंच के पास अपील की जायेगी। उन्होंने साथ ही कहा कि इस केस में शामिल सभी पक्षों जैसे माँ-बाप, अध्यापकों, स्टाफ, स्कूल प्रबंधकों और अन्यों के हितों को ध्यान में रखते पंजाब सरकार अगले दो या तीन दिनों में इस फ़ैसले के खि़लाफ़ एल.पी. ए. दाखि़ल करेगी।
हाई कोर्ट के फ़ैसले का विस्तार देते हुये श्री सिंगला ने कहा कि राज्य सरकार ने इस केस में बहुत मज़बूत तरीके से अपना पक्ष रखा और इन मामलों में एडवोकेट जनरल स्वयं हाई कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने प्राईवेट स्कूलों को लॉकडाऊन के समय के दौरान अध्यापकों और अन्य स्टाफ को सौ प्रतिशत वेतन देने, किसी भी अध्यापक और स्टाफ मैंबर की छंटनी न करने, अकादमिक सैशन 2020 -21 में फीस में कोई विस्तार न करने, माँ-बाप से फीस मासिक या तिमाही के आधार पर भरने की व्यवस्था करने, आर्थिक मंदहाली का शिकार माँ-बाप के बच्चों की फीस माफ करने या कोई रियायत देने पर विचार करने, फीस न दे सकने वाले बच्चों को ऑनलाइन या रेगुलर शिक्षा से वंचित न करने जैसे फ़ैसलों को अदालत ने बरकरार रखा है।
श्री सिंगला ने कहा कि राज्य सरकार ने फ़ैसला किया था कि स्कूल गर्मियों की छुट्टियों के समय को छोड़ कर कफ्र्यू /लॉकडाऊन के समय की कोई फीस नहीं ले सकेंगे। इसके अलावा जिन स्कूलों ने लॉकडाऊन के दौरान बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई या पढ़ाई करवा रहे हैं, वह बिल्डिंग खर्चे, परिवहन खर्च, रोटी के खर्र्चे को छोड़ कर सिफऱ् ट्यूशन फीस लेने के हकदार होंगे, जिनको अदालत ने नहीं माना। इसी तरह अदालत ने अपने फ़ैसले में शिक्षा विभाग को स्कूल शिक्षा के समूचे हित में तर्कसंगत आधार पर कोई फ़ैसला लेने संबंधी भी कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों के व्यापक हित में इन नुक्तों को विचार के लिए अदालत के सामने दोबारा रखा जायेगा।
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