
जालंधर ब्रीज: पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां जोर देकर कहा कि ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के तहत पंजाब सरकार नशाखोरी के खात्मे के लिए ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत जमीनी स्तर पर हर संभव प्रयास कर रही है और जल्द ही राज्य को नशा मुक्त बनाया जाएगा।
इस सामाजिक बुराई को रोकने के लिए होशियारपुर जिला प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई की समीक्षा करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने जिले में नशे के मामलों में 91 प्रतिशत सजा दर पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पंजाब नशे से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।
वित्त मंत्री ने सभी विभागों के अधिकारियों और जिले के निवासियों से नशे का पूरी तरह सफाया करने के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाई है और सामूहिक प्रयासों और प्रभावी कार्यान्वयन से इस सामाजिक समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सिविल और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए नशे के खिलाफ शुरू किए गए अभियान के तहत उठाए गए ठोस कदमों पर प्रकाश डाला। चीमा ने कहा कि नशे से संबंधित मामलों में 91 प्रतिशत की प्रशंसनीय सजा दर के साथ होशियारपुर जिले ने नशा तस्करों के खिलाफ शानदार प्रयास किए हैं, जिसके तहत अब तक 179 एफआईआर दर्ज कर 271 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
अभियान की सफलता के लिए लोगों की आवश्यक भागीदारी का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह इस लड़ाई में एक महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा शुरू की गई ‘सेफ पंजाब अभियान’ के तहत नागरिकों द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर जिले में 17 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि लोगों से प्राप्त विश्वसनीय खुफिया जानकारी पर तेजी से कार्रवाई की जाती है।
इस संबंध में और जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि जिले में ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान ने महत्वपूर्ण गति पकड़ी है, जिसके तहत 527 संपर्क बैठकें की गई हैं और 970 डिफेंस कमेटियों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के कारण नशे के खात्मे के लिए जमीनी स्तर पर कार्रवाई को और मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 442 गांवों की पंचायतों ने इस नशा विरोधी पहल का समर्थन करने के लिए प्रस्ताव पारित किए हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने 18 प्रमुख हॉटस्पॉट्स की पहचान की है और अंतरराज्यीय नशा व्यापार को रोकने, विशेष रूप से पड़ोसी राज्य हिमाचल से, के लिए निगरानी को मजबूत किया गया है। चीमा ने कहा कि हिमाचल पुलिस के साथ एक संयुक्त ऑपरेशन भी शुरू किया गया है ताकि नशे के नेटवर्क को खत्म करने के लिए अंतरराज्यीय समन्वय को और मजबूत किया जा सके।
इस बात पर जोर देते हुए कि अकाली-भाजपा शासन के दौरान पंजाब में नशे की बाढ़ आ गई थी और बाद में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यकाल में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पिछले तीन वर्षों से नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है, जिसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं और नशा तस्करों को या तो पंजाब छोड़ने या यह धंधा छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार पंजाब के भविष्य को नशीले पदार्थों के चंगुल से मुक्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है, ताकि राज्य के लोगों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।
इससे पहले, डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन और एसएसपी संदीप कुमार मलिक ने वित्त मंत्री को जिले में ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के तहत किए जा रहे प्रयासों के अलावा जिले भर में नशा छुड़ाने और पुनर्वास के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में जानकारी दी। सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल ने भी अधिकारियों को इस अभियान को और तेज करने का आह्वान किया ताकि नशा मुक्त पंजाब के कार्य को सही मायनों में पूरा किया जा सके।
इस अवसर पर विधायक ब्रह्म शंकर जिंपा, विधायक करमबीर सिंह घुम्मण, मेयर सुरिंदर कुमार, बैकफिन्को के चेयरमैन संदीप सैनी, सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीन सैनी, डिप्टी मेयर रणजीत चौधरी, जिला योजना कमेटी की चेयरपर्सन करमजीत कौर, नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन गुरविंदर सिंह पाबला और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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