April 19, 2025

Jalandhar Breeze

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पंजाब पुलिस के साईबर सैल को वटसऐप के फर्जी प्रयोग करने वाले मामले की गुत्थी को सुलझाने के लिए मिला पहला इनाम

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जालंधर ब्रीज: पंजाब पुलिस के स्टेट साईबर क्राइम सैल ने वटसऐप का फर्जी प्रयोग करने सम्बन्धी मामलों को सफलतापूर्वक सुलझाने के लिए पहला इनाम जीता है। यह वह मामले हैं जिनमें शरारती तत्वों की तरफ से अपनी वटसऐप प्रोफाइल पर उच्च अधिकारियों के नाम और डीपी लगा कर सरकारी अधिकारियों और आम लोगों से धोखे से पैसे ऐंठे जाते थे। यह पुरुस्कार 31 अगस्त, 2022 को नईं दिल्ली में नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एन. सी. आर. बी.) की तरफ से करवाए स्टेट साईबर नोडल अधिकारियों की राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में प्रदान किया गया।
 
डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने इसको पंजाब पुलिस के लिए सम्मान वाली बात बताते हुये ए. डी. जी. पी. साईबर क्राइम प्रवीन कुमार सिन्हा और साईबर क्राइम सैल की समूची टीम को इस प्राप्ति के लिए बधायी दी और उनको शुभकामनाएं भी दीं।
 
और जानकारी देते हुए, ए. डी. जी. पी. प्रवीन सिन्हा ने कहा की एन. सी. आर. बी. को साईबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन से सम्बन्धित 100 से अधिक केस स्टड्डीज़ प्राप्त हुए थे, जिनमें से अलग-अलग लॉ इनफोरसमैंट एजेंसियों से सम्बन्धित 10 केस स्टड्डीज़ को नेशनल कान्फ्रेंस में पेशकारी के लिए चुना गया था। उन्होंने कहा कि पंजाब की केस स्टडी को पहला इनाम मिला है।
 
एनसीआरबी के डायरेक्टर विवेक गोगिया, आई. पी. एस. ने डी. एस. पी. साईबर क्राइम दीपक सिंह को यह अवार्ड प्रदान किया, जिन्होंने पंजाब पुलिस की तरफ से यह हासिल किया। डीएसपी के साथ इंस्पेक्टर गगनप्रीत सिंह और इंस्पेक्टर जोरावर सिंह भी मौजूद थे।
 
ज़िक्रयोग्य है कि राज्य के साईबर क्राइम सैल ने जुलायी 2022 में तीन नाईजीरियनों की गिरफ्तारी के साथ एक अंतरराष्ट्रीय साईबर फ्रॉड रैकेट का पर्दाफाश किया था, जो सरकारी मुलाजिमों और आम लोगों को धोखा देने के लिए अपने वटसअप पर वीवीआईपीज़ के नाम और डीपी का प्रयोग कर रहे थे। मुलजिमों के पास से बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड, मोबायल फोन और अन्य सामान बरामद हुए थे।

इन धोखेबाज़ों की तरफ से बेकसूर और भोलेभाले लोगों खास तौर पर सरकारी मुलाजिमों को ऐमाजॉन गिफ्ट कार्ड, पेटीऐम, या किसी और डिजिटल भुगतान विधि के रूप में वित्तीय सहायता के लिए निजी वटसऐप संदेश भेजे जा रहे थे। ज़िक्रयोग्य है कि इस मामले की जांच आई. जी. पी. साईबर क्राइम आर. के. जैसवाल और डी. आई. जी. साईबर क्राइम नीलांबरी जगदले की निगरानी के अधीन मुकम्मल की गई


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