सभी गारंटियों को पूरा करते हुए राज्य की वित्तीय हालत को बेहतर बनाने संबंधी मुख्यमंत्री भगवंत मान की वचनबद्धता को दोहराते हुये पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि वित्तीय साल 2021-22 के मुकाबले वित्तीय साल 2022-23 के पहले चार महीनों के दौरान राज्य ने जी. एस. टी वसूली में 24.15 प्रतिशत और आबकारी वसूली में 41.23 प्रतिशत की विकास दर दर्ज की है।
आज यहां पंजाब भवन में एक प्रैस कान्फ़्रेंस को संबोधन करते हुये वित्त मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि वास्तविक प्राप्ति विस्तार वित्तीय साल 2022-23 के लिए जी. एस. टी में 27 प्रतिशत के अनुमानित बजट वृद्धि के बहुत नज़दीक है। उन्होंने कहा कि राज्य में साल 2021 के मुकाबले इस साल अप्रैल में 3.46 प्रतिशत, मई में 44.79 प्रतिशत, जून में 51. 49 प्रतिशत और जुलाई में 13.05 प्रतिशत की विस्तार दर दर्ज की गई है। उन्होंने आगे कहा कि नयी आबकारी नीति की सफलता अपने स्वयं बोलती है क्योंकि वित्तीय साल 2022-23 के पहले चार महीनों के दौरान आबकारी वसूली में 41.23 प्रतिशत का विस्तार दर्ज किया गया है, जिससे कुल आबकारी वसूली 2741.35 करोड़ रही, जबकि पिछले साल के दौरान इसी मियाद के लिए आबकारी वसूली 1941.05 करोड़ थी।
राज्य सरकार की एक अन्य बड़ी प्राप्ति का जिक्र करते हुये स. चीमा ने कहा कि समकालीन अकाली-भाजपा सरकार की तरफ से साल 2017 में सी. सी. एल गैप के लिए लिए गए कर्ज़े की रकम 30,584 करोड़ रुपए थी और इस कर्ज़े की 8.25 प्रतिशत ब्याज दर पर मासिक किश्त 270 करोड़ रुपए थी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने बैंक कंसोरटियम के साथ बातचीत करके इस कर्ज़े की ब्याज दर को 7.35 प्रतिशत (1 अप्रैल, 2022 से प्रभावी) पर तय करवाया है जिससे जो कर्ज़ा सितम्बर 2034 तक अदा किया जाना था, वह मौजूदा रफ़्तार से अक्तूबर 2033 में ही निपटा लिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि इससे सरकारी खजाने को 3094 करोड़ रुपए की बचत होगी।
राज्य को फिर से विकास की पटरी पर लाने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से न सिर्फ़ अपना राजस्व बढ़ाने बल्कि अपने कर्जों की अदायगी के लिए किये जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुये पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य की तरफ से चार महीनों के दौरान 10,366 करोड़ रुपए की कर्ज़ अदायगी की गई जबकि इसी मियाद के दौरान सिर्फ़ 8100 करोड़ रुपए का कर्ज़ लिया जिससे 2266.94 करोड़ रुपए के कर्ज़े की कटौती की। उन्होंने कहा कि इन अदायगियों में पंजाब राज्य कृषि सहकारी बैंक ( पी. एस. ए. सी. बी) और पनसप जैसी संस्थाओं को बचाने के लिए अदा किये गए भुगतानों के इलावा बिजली सब्सिडी के लिए मासिक अदायगियाँ भी शामिल हैं।
केंद्र सरकार से मिलने वाले जी. एस. टी मुआवज़े संबंधी पूछे सवाल के जवाब में स. चीमा ने कहा कि पंजाब और अन्य राज्यों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को विनती की है कि जी. एस. टी मुआवज़े को कुछ और सालों के लिए बढ़ाया जा सकता है क्योंकि कुछ राज्यों की वित्तीय हालत अभी भी ठीक नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार राज्य के राजस्व को बढ़ाने के लिए सख्त यत्न कर रही है जबकि पिछली कांग्रेस सरकार ऐसे प्रयास करने में असफल रही और केंद्र सरकार की तरफ से दिए जा रहे जी. एस. टी मुआवज़े पर ही निर्भर रही। इस मौके पर वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के साथ वित्त विभाग के प्रमुख सचिव अजोए कुमार सिन्हा और विशेष सचिव (व्यय) मुहम्मद तैयब भी मौजूद थे।
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