जालंधर ब्रीज: पंजाब के बहुचर्चित ड्रग्स मामले में कांग्रेस सरकार द्वारा अकाली नेता विक्रम सिंह मजीठिया पर एफआईआर दर्ज करने को आम आदमी पार्टी(आप) पंजाब ने सत्तारुढ़ कांग्रेस का चुनावी स्टंट करार दिया। मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए ‘आप’ पंजाब के सह-प्रभारी व विधायक राघव चड्ढा ने आरोप लगाते हुए कहा,” हमने 8 दिसंबर को ही बता दिया था कि मुख्यमंत्री चन्नी और सुखबीर बादल के बीच एक फार्म हाउस में डील हो चुकी है। चन्नी सरकार चुनावी फायदे के लिए बेहद कमजोर आधार पर विक्रम मजीठिया पर केस दर्ज करेगी और गिरफ्तार करने का ड्रामा करेगी। मजीठिया पर एफआईआर दर्ज करना स्टंटमैन चन्नी का चुनावी स्टंट है।
चड्ढा ने कहा,” मजीठिया मामले का हाल भी उसी तरह होगा जिस तरह राजा वडिंग के बस मामले का हुआ था, जिसमें कोर्ट ने अगले दिन जब्त की गई सभी बसें छोड़ दी थी। चुनाव नजदीक देख चन्नी सरकार मजीठिया पर केस दर्ज कर चुनावी स्टंट कर रही है। अगर सच में कांग्रेस सरकार ड्रग्स मामले में लोगों को इंसाफ दिलाना चाहती थी, तो 16 मार्च 2017( जिस दिन कांग्रेस सरकार बनी) से आज तक कोई बड़ी जांच या कार्रवाई क्यों नहीं की?
उन्होंने कहा, चन्नी सरकार अब सिर्फ एक हफ्ते की सरकार रह गई है। दिसंबर के आखिर में आचार संहिता लग जाएगा और चन्नी सरकार कि सभी शक्तियां खत्म हो जाएगी। इसलिए अपने चुनावी फायदे के लिए कांग्रेस सरकार एफआईआर का ड्रामा कर पंजाब के लोगों की आंखों में धूल झोंक रही है। उन्होंने कहा, पिछले 5 साल में कांग्रेस सरकार ने नशे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और न कोई बड़ी जांच की। 5 साल तक कांग्रेसी नेताओं ने ड्रग्स माफियाओं को संरक्षण दिया। अब कोड ऑफ कंडक्ट लगने से पांच दिन पहले एफआईआर कर कांग्रेस लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है।
चड्ढा ने कहा, कांग्रेस सरकार में पूरे पंजाब में नशे का खुलेआम व्यापार हुआ और नशे के सौदागर बेखौफ घूम रहे हैं। पिछली बादल सरकार से ज्यादा नशीली पदार्थों का व्यापार कांग्रेस सरकार में हुआ है। कांग्रेसी नेता, शिरोमणि अकाली दल के नेताओं के साथ मिलकर पार्टनरशिप के तहत पूरे पंजाब में नशे का व्यापार चलाते हैं। नेताओं और माफियाओं के बीच क्रमश: 75 और 25 प्रतिशत का पार्टनरशिप है। नेताओं के पास 75त्न हिस्सा जाता है और माफियाओं का हिस्सा 25त्न होता है।
उन्होंने कहा कि बेअदबी और ड्रग्स मामले पर कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री चन्नी अपने 80 दिन के शासन में दो बार एजी और तीन बार डीजीपी बदल चुके हैं। दरअसल मुख्यमंत्री चन्नी, सरकार नहीं सर्कस चला रहे हैं।लेकिन पंजाब के लोग चन्नी सरकार के चुनावी स्टंट और सर्कस में नहीं फंसने वाले हैं। लोगों को पता है कि चुनाव से ठीक पहले मजीठिया पर एफआईआर दर्ज कर चन्नी कार्रवाई करने का दिखावा कर रहे हैं।
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