पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरु की गई मुहिम के दौरान पूर्व वन मंत्री पंजाब साधु सिंह धर्मसोत के पुत्र हरप्रीत सिंह को 60 लाख रुपए में प्लॉट खरीदने की साजिश के अंतर्गत उसी दिन केवल 25 लाख रुपए में बेचने के दोष अधीन उक्त हरप्रीत सिंह के अलावा तीन अन्य व्यक्तियों को पहले से ही दर्ज भ्रष्टाचार के एक मुकदमे में बतौर दोषी नामज़द किया है।
इस केस में विजीलैंस ब्यूरो द्वारा दो मुलजि़म राजेश कुमार चोपड़ा और राज कुमार नागपाल को गिरफ़्तार करने के उपरांत मोहाली की अदालत में पेश करके 6 दिनों का पुलिस रिमांड हासिल किया गया है। इस मुकदमे की आगे की पड़ताल जारी है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए पंजाब विजीलैंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो द्वारा पहले ही मुकदमा नंबर 06 तारीख़ 06-02-2023 को भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13(1), 13(2) के अंतर्गत विजीलैंस ब्यूरो उडन दस्ता, पंजाब, मोहाली के थाने में दर्ज है। इस केस की जाँच से पाया गया कि मुलजि़म राज कुमार नागपाल, निवासी सैक्टर 8 पंचकूला, हरियाणा द्वारा प्लॉट नंबर 2023, सैक्टर-88 मोहाली की एल.ओ.आई. गुरमिन्दर सिंह गिल, निवासी कोठी नंबर 1677, फेज़-3बी-2 मोहाली से तारीख़ 27.11.2018 को एक अश्टाम ( नंबर एई773271) के द्वारा 60 लाख रुपए में खऱीदी गई, जबकि उसी दिन उसी अस्टाम की श्रृंखला में एक अन्य अश्टाम ( नंबर एई773272) खरीद करके, मुलजि़म राज कुमार द्वारा यही प्लॉट आगे दोषी साधु सिंह धर्मसोत, पूर्व वन मंत्री पंजाब के पुत्र हरप्रीत सिंह को करीब 35 लाख रुपए में घटाकर केवल 25 लाख रुपए में साजिश के अंतर्गत बेच दिया गया। इस प्लॉट की खरीद और बिक्री के समय मुलजि़म राजेश कुमार चोपड़ा, निवासी सैक्टर 82 जे.एल.पी.एल., मोहाली द्वारा बतौर गवाह दस्तखत किए गए।
उन्होंने बताया कि पड़ताल के दौरान यह भी पता लगा है कि इस 60 लाख रुपए की रकम में से उक्त मुलजि़म राज कुमार के खाते में पहले ही अनमोल अम्पायर प्राईवेट लिमिटेड के प्रोप्राईटर मुलजि़म राजेश कुमार चोपड़ा द्वारा 22,50,000 रुपए, हरप्रीत सिंह पुत्र साधु सिंह धर्मसोत द्वारा 25,00,000 रुपए और बाकियों द्वारा 12,10,000 रुपए जमा करवा दिए गए। राज कुमार से यह एल.ओ.आई. आगे हरप्रीत सिंह को दिलाने में राज कुमार सरपंच, प्रोपर्टी डीलर, जुझार नगर मोहाली और निवासी फेज़ 6 मोहाली द्वारा अहम भूमिका निभाई गई है।
प्रवक्ता ने बताया कि गमाडा के रिकॉर्ड के मुताबिक बिक्रीकर्ता गुरमिन्दर सिंह गिल के नाम से राज कुमार के नाम परन्तु एल.ओ.आई. तबदील होने सम्बन्धी कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है और सीधा गुरमिन्दर सिंह गिल के नाम से उक्त हरप्रीत सिंह के नाम पर प्लॉट तबदील कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इस तरह राज कुमार नागपाल, राजेश कुमार चोपड़ा प्रोपर्टी डीलर, राज कुमार सरपंच प्रोपर्टी डीलर और हरप्रीत सिंह पुत्र साधु सिंह द्वारा मिलीभुगत के अंतर्गत अलग-अलग ऐंटरियों के द्वारा राज कुमार को यह एल.ओ.आई. फर्जी तौर पर खरीद और बिक्री करनी दिखाई गई है और दोषी साधु सिंह धर्मसोत के लडक़े लिए करीब 60 लाख रुपए के प्लॉट को 25 लाख रुपए में खरीद करने के लिए दिखाने में मदद की गई है।
इसलिए मौजूदा मुकदमे में आई.पी.सी. की धारा 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 12 का विस्तार करते हुए हरप्रीत सिंह पुत्र साधु सिंह धर्मसोत निवासी अन्निया रोड, अमलोह, राज कुमार नागपाल, राजेश कुमार चोपड़ा और राज कुमार सरपंच को बतौर दोषी नामज़द किया गया है। इस केस में दो मुलजि़मों राजेश कुमार चोपड़ा और राज कुमार नागपाल को तारीख़ 28.03.2023 को गिरफ़्तार कर लिया है और बाकियों की खोज जारी है।
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