जालंधर ब्रीज: राज्य में अगस्त 31 तक नई लॉकडाउन पाबंदियों के ऐलान के एक दिन बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा शुक्रवार को विवाह और भोग समागमों के अलावा पाँच से अधिक व्यक्तियों की सम्मिलन वाली सभी सभाओं पर रोक लगाने के लिए धारा 144 लागू करने के हुक्म दिए गए हैं और ऐसे जलसे करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।
यह स्पष्ट करते हुए कि वह लोगों की जान बचाने के लिए कोई भी कड़े कदम उठाने से नहीं कतराएंगे मुख्यमंत्री द्वारा चेतावनी दी गई कि पंजाब के लोगों की जान बचाने और कोविड की रोकथाम के लिए यदि जरूरत पड़ी तो 31 अगस्त के बाद और कड़े कदम भी उठाए जाएंगे।उन्होंने सभी राजनैतिक पार्टियों को धरनों समेत सभी सभाओं से बचने के लिए अपील की। ऐसे मामले में मुकम्मल सख्ती की चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धारा 144 के किसी भी उल्लंघन के मामले में ऐसे जलसे के प्रबंधकों को गिरफ्तार किया जायेगा, जिनके द्वारा जलसा करके या मास्क के बिना जलसे की आज्ञा देकर लोगों की जान को जोखिम में डाला जा रहा है।
मुख्यमंत्री द्वारा सभी धार्मिक और सामाजिक नेताओं को भी अपील की गई कि वह पंजाब, जहाँ कोविड मामलों में विस्तार हो रहा है, के हितों को ध्यान में रखते हुए अपने अनुयाईयों को धारा 144 का उल्लंघन न करने और लागू किये गए सुरक्षा उपायों /पाबंदियों का पालन करने के लिए कहें। उन्होंने पुलिस को विवाह और भोग समागमों के दौरान सामाजिक दूरी और व्यक्तियों की तय संख्या को लागू करने को यकीनी बनाने के लिए निर्देश भी दिए हैं।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि राज्य में कोविड मामलों की संख्या 37,824 तक पहुंच गई है, जो कि टेस्टिंग में की गई वृद्धि से सामने आई है।
उन्होंने आगे बताया कि बीते कल किये गए 20,290 नमूनों के टैस्ट में से 1741 पॉजिटिव केस सामने आए और पॉजिटिव दर 8.5 फीसदी है। उन्होंने बताया कि पिछले सात दिनों दौरान औसतन रोजाना वृद्धि 1400 से और ज्यादा है और बीते कल 37 व्यक्तियों की मौत हुई है जिससे कोविड के साथ हुई मौतों की संख्या 957 और मौत दर 2.5 फीसदी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कल तक 349 मरीज ऑक्सीजन और 39 वैंटीलेटरों पर हैं जोकि चिंता का कारण हैं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले हफ्ते और ज्यादा मामले लुधियाना, पटियाला, जालंधर, मोहाली और बठिंडा से रिपोर्ट हुए हैं।आज अपने फेसबुक लाइव प्रोग्राम ‘कैप्टन से सवाल’ के दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि आंकड़े निराशाजनक तस्वीर पेश कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि लोग जरुरी सुरक्षा उपायों का पालन नहीं करेंगे तो स्थिति और बदतर होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बदकिस्मती से लोग इसको हल्के में ले रहे हैं जिस कारण सरकार को कड़े कदम उठाने पड़ रहे हैं जिनमें से कुछ बीते कल घोषित किए गए हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि मास्क न पहनने के कारण रोजाना के आधार पर 3000 से 6000 लोगों के चालान काटे जा रहे हैं।यहाँ यह जिक्रयोग्य है कि गुरूवार को मुख्यमंत्री द्वारा सभी शहरों/कस्बों में हफ्ते के आखिरी दिन लॉकडाउन और रोजाना शाम 7 बजे से प्रातःकाल 5 बजे तक रात का कर्फ्यू, राज्य के बड़े पाँच शहरों (लुधियाना, जालंधर, पटियाला, अमृतसर और मोहाली) में गैर-जरूरी सामान की 50 फीसदी दुकानें रोजमर्रा के आधार पर बंद रखने, सभी सरकारी और प्राईवेट दफ्तरों का काम 50 प्रतिशत अमले के साथ चलाने, निजी कारें तीन व्यक्तियों से अधिक के साथ न चलाने और बसें और निजी यातायात वाले वाहन 50 फीसदी क्षमता के साथ चलाने सहित अलग-अलग लॉकडाउन पाबंदियाँ फिर से लागू करने के हुक्म गुरूवार को दिए गए थे।
लोगों को बार-बार की गई अपनी अपीलों की तरफ ध्यान देने की अपील करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘हम क्यों नहीं समझ रहे कि सुरक्षा उपाय आपकी और अन्य पंजाबियों की जान बचाने के लिए जरूरी हैं?’’ यह बताते हुए कि राज्य कोविड के शिखर की तरफ बढ़ रहा है, मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 सितम्बर तक पंजाब में मामलों के 64000 तक पहुँचने के अनुमान हैं और 15 सितम्बर तक यह संख्या एक लाख पार कर जायेगी।यह आशा करते हुए कि लोग उनकी बात सुनेंगे और सुरक्षा उपायों का पालन करेंगे, मुख्यमंत्री द्वारा चेतावनी दी गई कि माहिरों के 3 सितम्बर तक मौतों की संख्या 1500 पहुँचने के अन्दाजे को ध्यान में रखते हुए मौतों की संख्या भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम पंजाब को अमरीका जैसे हालातों की तरफ नहीं जाने देंगे।’’यह जोर देते हुए कि समय गवाए बिना टेस्टिंग और इलाज बचाव की कुंजी है, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि लक्षण सामने आने के 72 घंटो में हस्पताल को रिपोर्ट करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि इससे नकारात्मक धारणाएं नहीं जुड़ी हुईं और वह खुद दो बार अपना टैस्ट करवा चुके हैं।मुख्यमंत्री नें कोविड से स्वस्थ हो चुके व्यक्तियों को दूसरों की जान बचाने के लिए प्लाज्मा दान करने की अपनी अपील को दोहराया है। बहुत से पुलिस और पी.सी.एस. अधिकारियों द्वारा प्लाज्मा देने की अपनी दृढ़ता अभिव्यक्ति गई है, मुख्यमंत्री द्वारा कोविड के इलाज बाद ठीक हो चुके सभी नागरिकों भी ऐसा करने की अपील की। मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस कर्मियों, डॉक्टरों और इलाज से जुड़े अन्य स्टाफ, सरकारी मुलाजिमों और गैर-सरकारी संस्थाओं आदि समेत अगली कतार के सभी वर्करों का कोविड के खिलाफ आगे होकर लड़ने के लिए धन्यवाद किया गया।
लुधियाना के एक निवासी द्वारा राज्य सरकार को हर कोविड मरीज के लिए केंद्र से 3 लाख रुपए मिलने सम्बन्धी उनके गाँव में फैली अफवाहों बारे स्पष्ट किये जाने के लिए पूछे सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र से कोविड की लड़ाई के लिए पैसा मिलने को विशेष रूप में रद्द किया गया। उन्होंने कहा कि यह जानकारी गलत है और एक रुपया भी प्राप्त नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार वास्तव में कोविड की महामारी से लड़ने के लिए केंद्र को वित्तीय सहायता के लिए बार-बार लिख रही है।
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