जालंधर ब्रीज: प्रारंभिक निदान और उपचार कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण घटक हैं। यह बात डॉ बसंत दुबे, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, नूंह, हरियाणा ने आज पत्र सूचना कार्यालय और रीजनल आउटरीच ब्यूरो, चंडीगढ़ द्वारा ‘कोविड उपयुक्त व्यवहार और टीकाकरण’ पर आयोजित एक वेबिनार के दौरान कहा।
उन्होंने कोविड संक्रमण से अधिक संभावित क्षेत्रों जैसे अस्पतालों, भीड़-भाड़ वाले स्थानों आदि में दोहरे मास्क पहनने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने महामारी के दौरान जनता की मदद के लिए जिला प्रशासन द्वारा ई-संजीवनी ओपीडी, टेली-मेडिसिन परामर्श आदि जैसी विभिन्न पहलों के बारे में भी बात की।
हरियाणा के जींद के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ राजेश भोला ने कहा कि टीका का कोई बड़ा दुष्प्रभाव नहीं है और लोगों को खुद को टीका लगवाने से डरना नहीं चाहिए क्योंकि यह कोविड-19 को हराने का प्रमुख हथियार है। उन्होंने हाल ही में कोविड मामलों में वृद्धि का कारण अनलॉक के बाद लोगों द्वारा कोविड उपयुक्त व्यवहार के अनुपालन में भारी गिरावट को बताया।
प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए, पत्र सूचना कार्यालय, चंडीगढ़ के सहायक निदेशक, श्री हिमांशु पाठक ने कहा कि ‘टीका और कोविड-उपयुक्त व्यवहार’ दोनों एक साथ संचरण की श्रृंखला को तोड़ सकते हैं। सुश्री सपना, सहायक निदेशक, रीजनल आउटरीच ब्यूरो, चंडीगढ़ ने सत्र को संचालित किया जिसमें चंडीगढ़ क्षेत्र के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों और नारनौल के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और नेहरू युवा केंद्र के छात्रों ने भाग लिया। सत्र का समापन हितेश रावत, सहायक निदेशक, पत्र सूचना कार्यालय, चंडीगढ़ द्वारा सभी प्रतिभागियों और अतिथि वक्ताओं को धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करने के साथ हुआ। फील्ड आउटरीच ब्यूरो, नारनौल के टेक्निकल असिस्टेंट (एस) राजेश अरोड़ा ने भी वेबिनार में भाग लेने वाले छात्रों को धन्यवाद किया।
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