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ज़िला जालंधर की तरफ से ग़ैर सरकारी संगठन आर्ट आफ लिविंग के सहयोग से नशा विरोधी अभियान में और तेज़ी लाई जायेगी। डायरैक्टर सूचना और लोक संपर्क सुमित जारंगल की अध्यक्षता में हुई वीडियो कान्फ़्रेंस में भाग लेते हुए अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ज) अमरजीत बैंस ने कहा कि ज़िला प्रशासन जालंधर की तरफ से इस समस्या को जड़ से ख़त्म करने के लिए पहले ही ठोस प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि डैपो, बड्डी प्रोजेक्टों सहित लोगों को जागरूक करने के लिए पहले ही बहु -समर्थकीय रणनीति अपनाई गई है, जिसके अंतर्गत ड्रग अब्यूस प्रीवैंशन अधिकारियों की तरफ से ज़मीनी स्तर पर नशे विरुद्ध जागरूकता पैदा करने के लिए आम लोगों तक पहुँच की जाती है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि मिशन रैड्ड स्काई के अंतर्गत नशों पर निर्भर 520 नौजवानों में से 58 को नौकरियों के मौके प्रदान किये गए है, जबकि दूसरे 98 की तरफ से कौशल विकास प्रशिक्षण हासिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नशों पर निर्भर बाकी रहते नौजवानों को जल्दी ही नौकरियों के अवसर प्रदान किये जाएंगे ,जिससे उनको मुख्य धारा में वापस लाया जा सके।
बैंस ने यह भी बताया कि प्रशासन की तरफ से ज़िला जालंधर में 23000 के करीब डैपो ऐनरोल किये गए हैं, जिन की तरफ से शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में नशे विरुद्ध लोगों में जागरूकता पैदा करने का काम किया जा रहा है। इस दौरान आर्ट आफ लिविंग के प्रतिनिधियों की तरफ से भी वीडियो कान्फ़्रेंस में पहुँच की गई और पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए ज़िला प्रशासन के साथ मिल कर नशा विरोधी अभियान चलाने सम्बन्धित अपने विचार सांझे किये गए। इस अवसर पर बैठक में अलग -अलग विभागों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
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