जालंधर ब्रीज: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पुलिस को मोगा के जि़ला प्रशासनिक कॉम्पलैक्स में ‘खालिस्तान’ का झंडा लहराने के लिए जि़म्मेदार लोगों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही के हुक्म दिए और इसके साथ ही नौजवानों को भी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू और उसकी सिखज़ फॉर जस्टिस (एस.एफ.जे.) जैसे भारत विरोधी तत्वों के झूठे प्रचार के बहकावे में न आने की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने पन्नू को चुनौती देते हुए कहा, ‘‘तू पंजाब तो आकर देख, मैं तुझे सबक सिखाऊंगा।’’ उन्होंने कहा कि राज्य की अमन-शान्ति को भंग करने की किसी भी कोशिश से कड़े हाथों निपटा जाएगा।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता को हुक्म दिए कि मोगा में घटी घटना में पहचाने गए दो शरारती तत्वों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए, जिससे इनके विरुद्ध कानून के मुताबिक सख्त कार्यवाही की जा सके। पुलिस ने दोनों के लिए 50,000 हज़ार रुपए का इनाम देने का ऐलान किया है, जिनकी सी.सी.टी.वी. फूटेज भी जारी की गई है।
आज ‘कैप्टन को सवाल’ प्रोग्राम की साप्ताहिक श्रृंखला के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी नौजवानों को पन्नू की तरफ कोई ध्यान न देने की अपील की है। उन्होंने सावधान करते हुए कहा, ‘‘कुछ लोग ऐसे झूठे प्रचार से भावुक हो जाते हैं।’’
पन्नू द्वारा भारत के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर काला झंडा लहराने के बुलावे पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में पंजाबी ख़ुशहाल लोग हैं और कैनेडा या अमरीका में बैठे किसी असामाजिक तत्वों के कहने पर ऐसी हरकत को अंजाम देने में उनकी कोई रूचि नहीं है।
पन्नू को चुनौती देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पंजाब के लोग यह क्यों करें, यदि आप लोग जुर्रत रखते हो तो यहाँ आकर दिखाओ?’’ उन्होंने कहा कि यदि एस.एफ.जे. का नेता चाहता है तो वह उस जगह पर खालिस्तान बना सकता है, जहाँ वह छिपा हुआ है। उन्होंने नौजवानों को सावधान करते हुए कहा, ‘‘पन्नू की तो शक्ल भी पंजाबी जैसी नहीं लगती और वह पैसे बटोरने के लिए ऐसी भद्दी हरकतें कर रहा है।’’
पंजाब के लोगों को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बधाई देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब और सिखों के बेमिसाल बलिदान और बहादुरी को समूचा विश्व स्वीकार करता है। उन्होंने कहा कि पंजाबियों की बहादुरी के किस्से हर जगह पाए जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अंडेमान के टापू का ‘काला पानी ’ उनकी मिसालों की गवाही भरता है और जलियांवाला बाग़ का हत्याकांड भी पंजाबियों के बलिदानों की जीती- जागती मिसाल है। उन्होंने कहा कि कोई नहीं जानता कि जलियांवाला बाग़ में कितने लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि इन लोगों की संख्या का पता लगाने की ज़रूरत है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि आज़ादी के बाद भी भारत द्वारा लड़े गए सभी युद्धों में पंजाब हमेशा अग्रणी रहा है, चाहे वह 1962, 1965, बांगलादेश की जंग या कारगिल या हाल ही में चीन के साथ हुई झड़प हो। उन्हों ने 3-पंजाब के मानसा से पंजाब के बहादुर सपूत गुरतेज को याद किया, जिस पर घातक हमला हुआ परन्तु वह महान बलिदान देने से पहले 12 चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतार गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुल्क में कोई भी क्षेत्र या राज्य ऐसा नहीं है जहाँ पंजाबियों ने मिसालें कायम नहीं की, चाहे वह उद्योग, कृषि और सेवाओं की बात हो।
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